स्मरण यानि यादाश्त की कमजोरी की शिकायते हर किसी को रहती है। ये इन कुछ वर्षो में बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। विशेष कर ये समस्या छात्रों और अधिक आयु के पुरुषो में ज्यादा होती है।
यदि इसके प्रमुख कारन की बात करे तो वो है मन की चंचलता मतलब अस्थिरता लेकिन इस कारन को नहीं जानने वाले ही चिकत्सा और दवा पूछते है। मन की चंचलता एक तो स्वाभाविक ही होती है दूसरी युवा अवस्था में जवानी का जोश और बुढ़ापे में जीवन की जरूरतों और जिम्मेदारियों के बोझ से उत्पन होने वाला तनाव मन को स्थिर नहीं रहने देता।
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पढ़ने वाले युवाओ में पाठ याद नहीं होने से और एग्जाम में अच्छे मार्क्स नहीं आने के कारन दुखी हो रहे है। और अधिक उम्र के स्त्री पुरुष काम काज के कारन भुल्कड़ होने से दुखी हो रहे है।
मन को एकाग्र और स्थिर रखने का अभ्यास करते हुए घरेलु उपाय करे-
कुछ घरेलु उपाय(देशी उपाय)
1. ब्रहामी, शंखपुष्पी, आवला, गिलोय और जटामांसी – ये सब 25 -25 ग्राम लेकर कूट पीस कर चूर्ण बना ले। शुबह शाम 1 -1 चम्मच चूर्ण पानी के साथ दो से तीन महीने तक लेना चाहिए फायदा मिलेगा।
2.सुबह एक बादाम पानी में भिगो दे और रात को छिलका हटा कर बदाम को पत्थर पर घिस कर दूध में मिला कर पीना चाहिए। दोपहर के भोजन एक घंटे बाद एक आंवले के मुरब्बा खाना चाहिए।
3.शंखपुष्पी आती की एक एक गोली पानी या दूध के साथ लेना चाहिए।
कोई चाहे तो इन सभी का सेवन एक साथ भी कर सकता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए ये तीनो घरेलु उपाय अत्यंत गुणकारी है।
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