आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे उत्कटासन (Utkatasana) के लाभ और विधि जिससे इसका अभ्यास को सही तरीके से किया जा सके।
उत्कटासन शब्द एक संस्कृत शब्द है, और संस्कृत भाषा में “उत” शब् का मतलब उठा हुआ और “कटी या कट” शब्द का मतलब कमर और आसन का अर्थ है “मुद्रा”।
उत्कटासन को कुर्सी आसन के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि जब आप उत्कटासन का अभ्यास करते हैं तो आपकी मुद्रा एक कुर्सी पर बैठी जैसे होती है। और अब यहाँ हम उत्कटासन की विधि ,उत्कटासन लाभ और उत्कटासन सावधानियों को समझते है।
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उत्कटासन करने की विधि | Utkatasana Steps in Hindi
सबसे पहले, आप सीधे खड़े हो जाये, और आपकी बाहें आपकी तरफ होनी चाहिए और आपकी कमर सीधी होनी चाहिए।
अपने हाथों को जमीन के समानांतर रखने के लिए, अपने हाथों को आगे की तरफ खींचने की कोशिश करें। इसके अलावा, अपने पैरों के बीच कुछ दूरी बनाए रखें।
उत्कटासन विधि का अभ्यास करते समय, आपको अपने हाथों को सीधा रखने की जरूरत है, और आपकी हथेलिया नीचे की तरफ होनी चाहिए।
अब, इसके बाद आप अपनी कमर को नीचे की ओर लाये और साथ ही अपने घुटनों को मोड़ें जैसे आप एक कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं। ध्यान रहे जब जब आप नीचे की ओर झुक रहे है, तो सुनिश्चित करें कि आपकी जांघें जमीन के समानांतर हों।
उत्कटासन करते समय आपकी सांस सामान्य होनी चाहिए। आप कम से कम एक मिनट के लिए इस स्थिति में रह सकते हैं। अब धीरे-धीरे निचे आये और सुखासन मुद्रा में बैठ जाये और आराम करे।
अब, जब आप जानते हैं कि उत्कटासन कैसे किया जाता है , तो अब आपको उत्कटासन के लाभों को भी जानना चाहिए।
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उत्कटासन के लाभ | Utkatasana Benefits in hindi
यह आपके शरीर के कई हिस्सों जैसे रीढ़, जांघों, हाथों और कूल्हों के लिए लाभदयक है।
उत्कटासन आपके शरीर के कुछ हिस्सों जैसे कूल्हों, रीढ़, हाथों और जांघों को फैलाने में मदद करता है ।
उत्कटासन पेट के हिस्से को मजबूत करके आपके पेट को लाभ पहुंचाता है ।
उत्कटासन शरीर के अंगों जैसे धड़, घुटने, हाथ, टखने, जांघों और पैरों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
उत्कटासन से शरीर का संतुलन अच्छा होता है।
यह आसन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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उत्कटासन में सावधानी | Utkatasana Precautions in Hindi
यदि निम्न बीमारी से ग्रसित है तो आसन नहीं करे-
सिर दर्द।
अनिद्रा।
कम रक्त दबाव।
गठिया।
घुटने की समस्या।
उत्कटासन का अभ्यास करते समय आपको कल्पना करनी चाहिए की जैसे आप एक कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं। अगर आपने इस आसन पहले कभी उत्कटासन का अभ्यास नहीं किया है ,तो आप उत्कटासन में कुछ संशोधन भी कर सकते हैं।
जैसे आप उत्कटासन का अभ्यास करते हुए किसी दीवार का सहारा ले सकते हैं । इसके लिए आपको दीवार से कुछ दुरी पर खड़े हो जाये जिससे जब आप झुकें तो आपके कूल्हों को दीवार का सहारा मिल सके। यदि आप अपनी बाहों को ठीक से उठाने में सक्षम नहीं हैं, तो अपनी बाहों को कंधे के स्तर पर लाना बेहतर है।
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