डेंगू के इलाज में बहुत लाभदायक है पपीते के पत्तों का रस जानें कैसे करें इसका सेवन

डेंगू के इलाज -डेंगू आजकल हमारे देश में एक बड़ी समस्या के तौर पर अपने पैर पसारता जा रहा है। साल दर साल भारत में इसके मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और हर साल कई लोगों की तो इससे जान तक चली जाती है। डेंगू एक वायरल रोग है जो एडीज नाम के मच्छर के काटने से होता है। सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, तेज बुखार और कमजोरी होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। डेंगू से मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से कम होने लगती हैं। यह इतना खतरनाक है कि यदि समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। वैसे तो कई दवाइयाँ मौजूद हैं जिनसे डेंगू के मरीज की हालत को सुधारा जा सकता है लेकिन कुछ प्राकृतिक नुस्खे भी हैं जिनसे डेंगू से बचने में काफी मदद मिलती है। जिनमें से एक हैं पपीते के पत्ते तो आईये आज हम आपको बताते हैं कि पपीते के पत्ते डेंगू के इलाज में किस तरह से फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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वैसे तो आमतौर पर पपीता एक ऐसा फल है जिसको ज्यादातर लोग पसंद करते ही हैं। साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये फल हमारे लिए बहुत ही लाभदायक होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीते के पत्तों में भी बहुत से रोगों का निदान छुपा हुआ है। इनमें प्लेटलेट्स को बढ़ाने की भरपूर क्षमता होती है और साथ ही ये डेंगू और मलेरिया दोनों से लड़ने में हमारी मदद भी करते हैं।

जानें क्यों होते हैं ये लाभदायक-

पपीते के पत्तों में कायमोपापिन और पापेन जैसे एंजाइम बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं, जो हमारे खून में प्लेटलेट काउंट्स को सामान्य करते हैं। साथ ही ये हमारे ब्लड क्लॉट को बेहतर बनाते हैं और लिवर को भी ठीक से काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जिससे डेंगू के मरीज को रिकवर होने में काफी मदद मिलती है।

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जानें कैसे करें इनका प्रयोग-

पपीते के पत्तों को जूस बनाकर आसानी से इनका प्रयोग किया जा सकता है। वैसे भारत में पाई जाने वाली रेड लेडी पपीते के पेड़ की पत्तियां ज्यादा प्रभावशाली होती हैं। सबसे पहले ताजा पपीते के पत्तों को लें और इन्हें अच्छे से साफ पानी से धो लें। इसे किसी साफ बर्तन में कूट लें, फिर कुटी हुई पत्तियों से जूस निकालकर दिन में 2-3 बार पीएं।

जानें क्या-क्या हैं इसके लाभ-

  • खून में प्लेटलेट काउंट्स को जल्दी बढ़ाने में सहायक
  • कैंसर की रोकथाम में है मददगार
  • प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में भी है सहायक
  • इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में भी है मददगार
  • कब्ज से बचाने में भी है कारगर

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ये भी हैं विकल्प-

गिलोय का रस-

गिलोय का रस भी डेंगू में काफी लाभदायक साबित होता है। इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढ़ती है, साथ ही और भी रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसके लिए गिलोय का तना लें और इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके पानी में डालकर इसको अच्छे से कूच लें। इसके बाद एक लीटर पानी में गिलोय के साथ तुलसी के कुछ पत्ते और काली मिर्च को डालकर रातभर छोड़ दें। सुबह इसको पीस लें और बाद में इसको छानकर कर मरीज को दें। यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो इसकी जगह आप गिलोय घनवटी का भी प्रयोग कर सकते हैं।

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एलोवेरा जूस-

एलोवेरा का जूस भी हमारे ब्लड सेल्स को टूटने से रोकता है और प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर होता है। इसके लिए एलोवेरा की ऊपरी त्वचा को हटाकर उसका गूदा निकालकर इसे गिलोय के जूस के साथ मिलाकर पीने से काफी फायदा होता है। इस जूस को खाली पेट सुबह-सुबह पीना काफी फायदेमंद होता है।

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बकरी का दूध-

बकरी का दूध हमारे खून में प्लेटलेट काउंट्स को तेजी से बढ़ाने में बहुत ही कारगर उपाय है। सुबह सुबह खली पेट एक गिलास ताजा बकरी का दूध पीने से प्लेटलेट काउंट्स की संख्या में तेज़ी से बढ़ोत्तरी होती है।

नीम के पत्ते और त्रिफला चूर्ण-

नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से हमारी बॉडी से खराब पदार्थ निकल जाते हैं। इसके अलावा त्रिफला के चूर्ण को शहद के साथ लेने से भी फायदा होता है।

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नोट- यहां पर दी गई जानकारी केवल एक सलाह के तौर पर है। हम इनमें से किसी भी उपचार को आजमाने के लिए आप पर किसी प्रकार का कोई भी दबाब नहीं बना रहे हैं। अतः आपसे निवेदन है कि किसी भी उपचार को अपनाने से पहले किसी डॉक्टर अथवा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

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