मकरासन योग को अंग्रेजी में Crocodile Pose के नाम से जाना जाता है। मकरासन नाम संस्कृत के दो शब्दों से लिया गया है, पहला मकर, जिसका अर्थ है मगरमच्छ और दूसरा आसन, जिसका अर्थ है आसन या योग। इस योग का अभ्यास अन्य योग करने के बाद शरीर को आराम देने के लिए भी किया जाता है।
यह आसन आप अपने पूरे मन और शरीर को आराम देने के लिए बहुत ही अच्छा है , इसके साथ ही इसके बहुत सारे लाभ है भी हैं। तो आइये, मकरासन योग के बारे में, विधि, इसकी सावधानी और इसके लाभ के बारे में जानते हैं।
मकरासन क्या है?- Makarasana Yoga
इस(मकरासन योग) आसन में व्यक्ति के शरीर की स्थिति मकडे के समान हो जाती है, अतः इस आसन को “मकरासन कहते हैं। इस आसन में पीठ क॑ बल लेटकर दोनों हाथों को विपरीत दिशा में फैलायें और पैरों को घुटनो से मोडकर रखते है।
मकरासन योग या Crocodile Pose एक आरामदायक योग आसन है। यह पीठ और कंधे की समस्याओं के लिए एकदम सही है। मुद्रा एक मगरमच्छ जैसा दिखता है जो पानी में आराम करता है, इसके चेहरे और गर्दन को सतह के जल स्तर से ऊपर रखता है। इस का उद्देश्य अन्य योग आसनों का अभ्यास करने से उत्पन्न तनाव को छोड़ना है, और इसलिए, योग सत्र को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है।
मकरासन का अभ्यास करने से पहले आपको ये पता होना चाहिए
शरीर को आराम देने के लिए सभी योगो के अंत में इस का अभ्यास किया जाता है। मकरासन का अभ्यास खाली पेट और साफ आंतों पर सुबह-सुबह करना सबसे अच्छा है। यदि आप सुबह इसका अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं, तो आप इसे अपने भोजन के बाद तीन से चार घंटे के अंतराल के बाद शाम को कर सकते हैं। यदि आप केवल मकरासन का अभ्यास करना चाहते हैं, तो यह आवश्यक नहीं है कि आपका पेट खाली होना चाहिए।
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विधि: Makarasana Yoga Pose
मकरासन योग करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं अपनी टांगो को मोडें, पावों में थोडा अंतर रखे। ऐड़िया नितंबों से मिली हुई हों। अब श्वास भरकर तथा रोककर घुटने दायी तथा गर्दन बायीं और करके कुछ क्षण रुकें । पांव की स्थिति यह रहनी चाहिए कि ऊपर वाला घुटना नीचे वाले पांव की एड़ी के पास रहे। अब श्वास छोड़ते हुए वापस आएं। श्वास को भरते हुए बिलकुल ऐसे ही दूसरी ओर करें, घुटने बायीं ओर, गर्दन दायीं ओर, इस प्रकार दायें- बायें दो बार करें। फिर वापिस आएं और विश्राम करें। ध्यान स्वाधिष्ठान-चक्र पर।
मकरासन योग की दूसरी स्थिति – Makarasana Yoga Second Pose
मकरासन योग की दूसरी स्थिति(Makarasana Yoga Pose) में दोनों हाथों को कंधों के बराबर फैला दें। हथेलियां आकाश की ओर, दोनों पांवों को मिलाकर बाहर की ओर खींचते हुए 45 अंश के कोण तक उठाएं, दोनों हाथ भी दोनों ओर को खींचें। अब पांवों को बाहर की ओर रखते हुए दायीं ओर ले जायें और श्वास भरते हुए गर्दन को बायीं ओर पूरी तरह मोड़ दें। फिर पांवों को वापिस 45 अंश तक ले आएं, श्वास निकाल दें, गर्दन पूर्व स्थिति में ले आएं, अब श्वास भरते हुए पांवों को उल्टी दिशा में बायीं ओर ले जाएं और गर्दन को दायीं ओर मोड़ दें। ध्यान रहे, पांव भूमि से ऊपर उठे हुए रहें | इस क्रिया को दो बार दायें और दो बार बायें करें । आसन करें तो श्वास भरें, वापस आएं तो श्वास बाहर निकाल दें।
अब पांव और हाथ वापस ले आएं। शरीर को शिथिल करें। यह आसन की दूसरी स्थिति है।
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मकरासन योग के लाभ:
मकरासन योग आसन(Makarasana Yoga Pose) से मेरूदंड के सभी मोहरे खुलते हैं । इनकी मालिश होती है। हृदय तथा रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी आसन है। रक्तसंचार तेज होता है। शरीर में चेतना आती है। पेट की आंतों को प्रभावित करता है | इस योग से कब्ज दूर होती है। कमर तथा गर्दन की मांसपेशियों में लचक पैदा होती है तथा सौंदर्य को बढ़ाता है। रीढ को हड्डी को प्रभावित करता है। नाड़ी संस्थान को शिथिल करता है।
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रोग निदान और लाभ मकरासन योग के
.1 पेट की आतों को बल मिलता है।
2. कमर, गर्दन, बांहों एवं जांघों की पेशियों में मजब॒ती व लचीलापन आता है।
3.हृदय एवं रक्त के रोगी का रोग दूर हो जाता है
4. मंरुदण्ड के रिंग खुलते हैं मरुदण्ड लचीला होता है।
5. इस आसन को करने से कब्ज दूर हो जाता है।
6. इस आसन को करने से रक्त-संचार तेज होता है।
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सावधानी-
1. इस आसन को करते समय शरीर को बिल्कुल एकदम ढीला रखना चाहिये ।
2. शरीर के अंगों को मोड़ते समय सावधानी रखनी चाहिये।
3. शरीर को अधिक तना हुआ नहीं रखना चाहिये।
ध्यान रहे की यदि आपको पीठ में कोई गंभीर चोट लगी है, तो मकरासन योग नहीं करना चाहिए है। जिनके गर्दन की चोट हो वो लोगों के लिए, गर्दन के लिए किसी भी दबाव से बचे और इस योग को नहीं करे। या फिर आप इस आसन के दौरान गर्दन के चारों ओर एक मुड़ा हुआ कंबल रखें।
मकरासन योग(Makarasana Yoga Pose) करने का समय
इस आसन को तीन से चार बार या पांच बार तक कर सकतें हैं।
मकरासन योग(Makarasana Yoga Pose) को पहली बार करने वालो के लिए टिप्स
इस आसान की शुरआत में, आसन मुद्रा में खुद को संतुलित कर पाना थोड़ा कठिन हो सकता है। असंतुलन के कारण आप थोड़ा सा फेरबदल कर सकते हैं। असंतुलन से बचने के लिए, आप अपने हाथों का उपयोग करके आसन को पूरा कर सकते है। इस अभ्यास के साथ, आपका संतुलन बेहतर होगा, और आप सही तरीके से आसन मुद्रा ग्रहण कर सकते हैं।
हम जानते है की मकरासन एक योग सत्र के अंत में की जाने वाली आरामदायक आसन मुद्रा है, लेकिन इसमें नींद आ सकती है। खुद को जागृत रखें और अपने शरीर को आराम दें।
रोजाना मकरासन योग का अभ्यास करना आपके शरीर और दिमाग के लिए बहुत अच्छा है। शरीर की अशुद्धियों को साफ करके, जिससे आप अपने आप को सक्रिय और तरोताजा महसूस करेंगे। अगर आप रोज योग करते हो तो सबसे अंत में मकरासन योग का अभ्यास करना सबसे अच्छा रहेगा। यह एक शानदार शो के लिए एक शानदार समापन की तरह है। तो, आगे बढ़ें और इस योग को अपने वर्कआउट रेजीमेंट का हिस्सा बनाएं क्योंकि मकरासन योग(Makarasana Yoga Pose) महत्वपूर्ण हैं।