गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे गोखरू के पौधे से प्राप्त किया जाता है और यह बालों के झड़ने, आंखों की समस्याओं और यहां तक कि पुरुषों के यौन स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के लिए लाभदायक है। गोखरू (gokhru ke fayde) हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह ऐसी औषधि है जो हमरे शरीर वात, कफ और पित तीनो को नियंत्रित कर सकती है।
गोखरू का फल, पत्ता और तना तीनो ही औषधि के रूप में काम में ले सकते है। पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए लाभ के कारण गोक्षुरा को वियाग्रा के रूप में भी जाना जाता है।
इस लेख में, हम यह बताएँगे की गोखरू क्या है?, गोखरू के फायदे और नुकसान क्या है।
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गोखरू क्या है? | What is Gokhru in Hindi?
आपको बता दे की गोखरू बारिस के मौसम अधिक फैलते है। गोखरू ठंडे और गर्म दोनों तापमान में बढ़ता है और यह अक्सर भारत में पाया जाता है, विशेषकर हिमालय में। इसको पौधे से सूखे फल के रूप में प्राप्त किया जाता है। प्राचीन काल से गोखरू का उपयोग हर्बल औषधि के रूप में किया जाता है।
गोखरू का उपयोग सूजन कम करने में किया जाता है। इसके जड़ को दशमूल में और फल को वृष्य के रुप में उपयोग किया जाता है। इसके पत्ते चने के जैसे होते हैं जिससे इसको संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं।
गोखरू या गोक्षुरा को ट्रिबुलस टेरेट्रिस के रूप में भी जाना जाता है। भारत में 2 प्रजातियाँ हैं बड़ी गोखरू और छोटी गोखरू है।
गोखरू के फायदे (gokhru ke fayde) अनेक है ये पुरुष और महिलाओ दोनों के लिए फायदेमंद है। इसे कामोत्तेजक और कामेच्छा बढ़ाने वाला भी माना जाता है। इसका उपयोग अस्थमा , खांसी , एडिमा और किडनी की समस्याओं का इलाज करने और मूत्र त्यागने के दौरान दर्द को कम करने में आयुर्वेदिक तरीके में किया जाता था । शोधकर्ताओं ने इस जड़ी बूटी को चमत्कारी, कामोद्दीपक, एंटी-माइक्रोबियल, कैंसर-रोधी और मूत्रवर्धक गुणों से युक्त पाया है।
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गोखरू के नाम | Name of Gokhru or Gokshura
गोखुरू का वानस्पतिक या बायोलॉजी नाम : Tribulus terrestris Linn. ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस)। यह Zygophyllaceae (जाइगोफिलेसी) कुल का है।
अंग्रेज़ी में:- Land caltrops भी कहते हैं।
Sanskrit में– गोक्षुरक, त्रिकण्ट, स्वादुकण्टक, गोकण्टक, गोक्षुरक,वन शृङ्गाट, पलङकषा, श्वदंष्ट्रा, इक्षुगन्धिका, चणद्रुम;
Hindi में –गोखरू, छोटा गोखरू, हाथीचिकार;
Oriya में –गाखुरा (Gokhura), गोक्षरा (Gokshra);
Urdu में –गोखरू (Gokharu);
Kannada में –नेग्गिलुमुल्लु (Negillumullu), नेरूंजी (Nerunji);
Gujrati में– बेटागोखरू (Betagokharu), नहानगोखरू (Nahanagokharu);
Tamil में– नेरिंजिल (Nerinjil), नेरींजीकाई (Nerinjeekai);
Telugu में– पाल्लैरु (Palleru), चिरूपाल्लैरू (Chirupalleru), चिरूपल्लेख (Cherupallekh);
Bengali में– गोखरू (Gokharu), गोखुरी (Gokhuri);
Punjabi में –बखरा (Bakhra), लोटक (Lotak), भखर (Bhakhar);
Marathi में–शराट्टे (Sharatte), काटे गोखरू (Kate gokharu), लहानगोखरू (Lahangokharu), सरला ज्ञरोत्ते (Sarla gyarote);
Malayalam में– नेरिंजिल (Neringil)।
Arbi में –बास्तीताज (Bastitaj), खसक (Khasak), मसक (Masak);
Persian में– खारेखसक (Khare khasak)।
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गोखरू के फायदे | Gokharu Benefits in Hindi | Gokhru ke Fayde
पेशाब संबंधी बीमारी में | Benefits of Gokhru in Dysuria in Hindi
पेशाब संबंधी रोगो में जैसे- मूत्र करते समय दर्द और जलन, रुक-रुक पेशाब आना, कम पेशाब आना आदि इनमे गोखरू बहुत फायदेमंद है। गोखरू के नियमित सेवन करने से व्यक्ति को मूत्राशय की इन सभी समस्याओं में आसानी से छुटकारा दिला सकता है।
20-30 मिली गोखरू के काढ़ा (Gokhru Kadha) में 125 mg शहद (एक चम्मच) मिलकर दिन में दो-तीन बार पिलाने से पेशाब में लाभ होता है।
पथरी रोग में गोखरू के फायदे | Gokshura Benefits in Kidney Stone in Hindi
आजकल की रहन सहन और खान पान के तरीके के कारण पथरी की समस्या आम हो गयी हैं। गोखरू के नियमित सेवन (gokhru ke fayde) से पथरी को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके लिए आप 5 ग्राम गोखरू चूर्ण लेकर इसमें 1 चम्मच शहद के साथ दिन में तीन बार ले और इसके खाने के बाद ऊपर से बकरी का दूध पिने से पथरी के टुकड़े टुकड़े होकर बाहर निकल जाती है।
त्वचा रोगो के लिए गोखुर के फायदे | Gokhru Benefits for Skin Disease in Hindi
गोक्षुरा या गोखरू आयुर्वेदिक चिकित्सा में त्वचा को भीतर से साफ़ करने के लिए बहुत लोकप्रिय है। युवा अवस्था में और आजकल प्रदूषण के कारण त्वचा रोग हो जाते है। इसके लिए गोखरू का उपयोग कर सकते हैं।
गोखुर को पानी में पीसकर त्वचा में लेप लगाने से खुजली, त्वचा की सूजन, घाव, दाद आदि त्वचा संबंधी रोगों में लाभ (gokhru benefits) मिलता है। पुरषों की स्वस्थ त्वचा के लिए घरेलु नुस्खे
बुखार में गोखरू के फायदे | Benefits of Gokhru for Fever in Hindi
जैसे ही मौसम बदलता है तो जुखाम और बुखार हो ही जाते है इसके लिए आप गोखरू का उपयोग (gokhru ke fayde) कर सकते है। 15 ग्राम गोखरू को 250 ml पानी में उबाले और काढ़ा बना लें इसको दिन में चार बार लेने से ज्वर में फायदा मिलता है।
हृदय रोग में | Gokshura helps to cures heart problems
गोखरू हृदय में होने वाली गतिविधि को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह एनजाइना जैसी दिल की बीमारियों का इलाज करने में मदद करता है और ह्रदय की बीमारी को कम करता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है।
गोखरू रक्त शर्करा , उच्च रक्तचाप और रक्तचाप के स्तर को कम करने के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए होता की इसमें एंटी-ट्यूमर और एंटी-बायोटिक गुण होते है। हार्ट अटैक के लक्षण कारण और इससे बचने के उपाय
गोखरू काढ़ा पाचन के लिए | Gokhru Kadha Beneficial in Digestion in Hindi
पाचन शक्ति कमजोर होतो गोखरू का काढ़ा (Gokhru Kadha) पिलाने से फायदा होता है और खाया पिया पांच जाता है। गोखरू 30-40 ml में 5 gm पीपल के चूर्ण मिलकर काढ़ा थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। यह गोखरू का उपचार अधिक लाभदायक है।
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गोखरू के उपयोग में सावधानी
गोखरू को निर्धारित अवधि के लिए और केवल निर्धारित खुराक में ही लेना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक उपयोग से प्रोस्टेट विकार का खतरा बढ़ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान और बच्चे को स्तनपान कराते समय इसका उपयोग नहीं करना चाहिए
गोखरू कैसे ले | How to Uses of Gokhru
गोखरू के उपयोग अलग अलग तरीको से कर सकते है। तो यहाँ इसका उपयोग कैसे कैसे कर सकते है वो भी बताएँगे।
गोखरू पाउडर
गोखरू या गोक्षुरा पाउडर इसके पेड़ (ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस) के सूखे फल से प्राप्त होता है। ये पाउडर दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। इसकी खुराक: 250mg पाउडर दिन में दो बार भोजन के बाद ले सकते है।
गोखरू चूर्ण
गोखरू चूर्ण एक आयुर्वेदिक हर्बल मिश्रण है जिसका उपयोग वात और कफ दोषों को कम करने के लिए किया जाता है। Gokshuradi churna के घटक जैसे GInger और Haritaki इसे अधिक उपयोगी बनाते हैं। आयुर्वेदिक दवाएं आमतौर पर आपको गुर्दे की पथरी के लिए या पाचन रोगो के लिए गोखरू चूर्ण बताएंगी।
गोखरू चूर्ण खुराक- जैसा कि आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया गया है। आम तौर पर 1-2g गोखरू चूर्ण दिन में दो बार शहद के साथ लिया जाता है।
गोखरू काढ़ा
ये काढ़ा(Gokhru Kadha) सभी दोष असंतुलन को सही करने के लिए जाना जाता है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे गोखरू पाउडर के साथ बनाया जाता है जो वात, पित्त और कफ दोष में लाभ पहुंचाता है।
गोखरू चूर्ण की तरह, इसका काढ़ा भी कई जड़ी बूटियों के साथ बनाया जाता है। फर्क सिर्फ इतना है कि काढ़ा में जड़ी-बूटियों को उबालकर लिया जाता है। अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर, आप दिन में दो बार काढ़ा ले सकते हैं। सुनिश्चित करें कि इसे खाली पेट न लें।
गोखरू की गोलिया
कई आयुर्वेदिक कंपनियां गोखरू की गोलिया बनाती हैं। चाहे वह हिमालय की हो या पतंजलि की, यदि आप गोखरू के कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का एक जल्दी प्रयास करना चाहते हैं, तो गोखरू या गोक्षुरा की गोलियां आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। इसमें समय की बचत हो जाती है और सीधी गोली का उपयोग आसानी से किया जा सकता है।
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