ऊर्ध्व मुख पश्चिमोत्तानासन क्या है? | urdhva mukha paschimottanasana in hindi
नितम्बों पर भार डालकर शरीर के पृष्ठभाग पर प्रभाव डालने के कारण इस आसन को “ऊर्ध्व पश्चिमोतानासन” कहते हैं।
और ये भी पढ़े:- ताड़ासन योग | Tadasana in Hindi
ऊर्ध्व मुख पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका या विधि | urdhva mukha paschimottanasana steps
सर्वप्रथम पीठ के बल लेट जायें। घुटनों को मोड़ें और पैर के पंजे पकड़ लें। अब सांस अन्दर खींचें और छोड़ें। फिर पैरों को ऊपर उठायें और सीधा करते हुए तब तक ऊपर उठायें जब तक टांग पूरी सीधी नहीं हो जाती।
सिर को घुटनों से लगायें और इस स्थिति को कुछ सेकेण्ड तक रखें। फिर घुटनों को मोड़ें और पैर नीचे लगाकर विश्राम करें। इस आसन का पूर्ण अभ्यास हो जाने पर आसन के मध्य रीढ़ की हड्डी के निचले सिर से ऊपर की ओर बल देते हुए ध्यान लगाना चाहिये।
और ये भी पढ़े:- चक्रासन कैसे करे | chakrasana in Hindi | Benefits
विशेष
इस आसन में दोनों पेरों को हाथों के सहारे ऊपर अप नितम्बों पर भार डाला जाता है। इस आसन को
धैर्य के साथ धीरे-धीरे करना । इस आसन को सावधानीपूर्वक करना चाहिये। इस आसन को करते समय मेरुदण्ड को एकदम सीधा रखना चाहिये।
ऊर्ध्व पश्चिमोत्तानासन करने का समय
इस आसन को कुछ सेकेण्ड तक करें, फिर विश्राम कर पुनः इस क्रिया को दोहरायें।
ऊर्ध्व पश्चिमोत्तानासन रोग निदान और लाभ | urdhva mukha paschimottanasana benefits
- इस आसन को करने से घुटनों के पृष्ठभाग की पेशियां प्रभावित होती हैं।
- कमरदर्द, साइटिका, मोटापा आदि दूर होता है।
- मधुमेह, गुर्दे के रोग, नजला-जुकाम, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, मूत्रविकार, श्वेत प्रदर, मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है।
- चेहरे एवं शरीर पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं, आंखों की झाइयां भी दूर होती हैं।
और ये भी पढ़े:-