टिड्डी आसन की विधि और फायदे

टिड्डी आसन क्या है? | Tiddi Asana in Hindi

इस आसन में शरीर की स्थिति टिड्‌डी की तरह हो जाती है, अतः इसे टिड्डी आसन कहते हैं।

टिड्डी आसन के लाभ |Tiddi Asana Benefits

  • यह आसन शरीर के निचले अंगों का सुधार करता है तथा पांवो व प्रजनन अंगों को शक्तिशाली बनाता है।
  • यह आसन यकृत,पैक्रियाज विशेषकर गुर्दों को प्रभावित करता है तथा कब्ज को हटाता है।
  • यह आसन नितम्बों तथा कमरदरर्द के लिए बहुत हितकारी है।

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टिड्डी आसन की विधि | Tiddi Asana Steps

फर्श की ओर मुंह करके लेट जाएं। फिर हथेलियों को भूमि से सटाते हुए दोनों भुजाओं को बगलों अथवा जांघों पर रखें।

धीरे-धीरे श्वास लें तथा आसन की समाप्ति पर श्वास रोके रंखें। फिर धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोड़ दें।

अब सम्पूर्ण शरीर को कड़ा करके दोनों पांवों को एक साथ मिलाकर दो-तीन इंच तक फर्श से ऊंचा उठाएं। साथे ही सिर को भी ऊंचा उठाएं।

तलुओं को ऊपर किये हुए पांव को फैलायें। इन्हें केवल जांघों के पिछले भाग को ही नहीं, अपितु पांव को भी ऊपर उठाएं।

इस स्थिति में पांच से सात सेकेण्ड तक रहें। फिर धीरे-धीरे पांवों को नीचा करें तथा श्वास छोड़ें । इस अभ्यास को छः बार तक दोहराया जा सकता है।

विशेष

इस आसन के लिए शरीर में लचीलापन लाने के लिए पहले कुछ सरल आसन कर लें। सर्पासन के अभ्यास के बाद पीछे पैरों को उठाना अभ्यासी के लिए सरल हो जाता है।

इसे स्त्रियां तथा पुरुष समान रूप से कर सकते हैं। गर्भावस्‍था में स्त्रियों के लिए इस आसन का निषेध है।

टिड्डी आसन करने का समय

आसन अवस्था में आने के बाद 5 से 7 सेकण्ड्स तक स्वास रोके रहें। फिर थोड़ा विश्राम करें। अभ्यास हो जानें पर छः बार तक कर सकते हैं।

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