शिथिलासन क्या है? | What is Shithilasana ?
इस आसन में शरीर को शिथिल छोड़ देते हैं, अत: इस आसन को ‘शिथिलासन’ कहते हैं।
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शिथिलासन के लाभ | Shithilasana Benefits
इस आसन को करने से मन-मस्तिष्क दोनों ही एकाग्रचित्त हो जाते हैं।
इस आसन को करने से अनिद्रा रोग दूर होता है।
इस आसन को करने से थकान दूर होती है।
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शिथिलासन की विधि | Shithilasana Steps
ज़मीन पर पेट के बल लेटकर दायां कान जमीन पर लगायें। बायीं टांग और बायीं बांह को थोड़ा मोड़कर रखें। दायां बाजू कमर की सीध में रखें। पेट और छाती को सटाकर रखें। शरीर को पूर्णतया ढीला छोड़ दें। यही क्रिया बायें बाजू को जमीन से लगाकर व बायीं टांग और बाजू को फैलाकर भी करें।
इस आसन में श्वास क्रिया पर ध्यान लगाना चाहिये; अर्थात् सांस के मार्ग पर सांस के चढ़ते-उतरते अनुभव करना चाहिये। इस आसन में सोने से नींद अच्छी आती है।
विशेष-इस आसन में शरीर की शिथिल अवस्था में पेट के बल लेट जाते हैं। इस आसन को करते समय मन-मस्तिष्क को एकाग्रचित्त रखना चाहिये।
इस आसन में शरीर को तना हुआ नहीं रखना चाहिये। इस आसन को करते समय शरीर को पूर्णतया विश्राम की अवस्था में छोड़ना चाहिये।
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शिथिलासन करने का समय | Time of Shithilasana
इस आसन को सुविधानुसार जितनी देर तक कर सकते हैं, करें।
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