प्राणासन की विधि | Pranasana Steps
जमीन पर बैठकर दाये पांव को बायीं जांघ के मूल में उपर की ओर रखें जोर बाये पाव को घुटने से मोढ़कर खडा कर ले । फिर दाये भूजदण्ड को घुटने कं ऊपर टेके ।
फिर हाथ को, बाये घुटने के निचे निकालकर हथेली की जमीन पर टिका ले।
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प्राणासन के लाभ | Pranasana Benefits
यह आसन भुजाओं को शक्ति देता है तया सुडौल और सुपुष्ट बनाता है । स्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया को व्यवस्थित करता है। जांघों, घुटनों और पिण्डलियों की मासपेशियो भी सुदृढ़ होती है।
हदय, फुफ्फुस और प्राणो को बल देने में यह बहुत उपयोगी है । इसलिये इसका नाम “प्राणासन’ रखा गया है ।
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प्राणासन की सावधानियां | Pranasana precautions
- इस आसन को खाली पेट करें।
- इस आसन को करने से 3-4 घंटे पहले कुछ नहीं खाना चाहिए।
- इसका अभ्यास करते समय आसन को आराम से करे।
- कमजोर लोगों को इसे बहुत सावधानी से करना चाहिए।
- इस मुद्रा को सुबह करना बेहतर रहेगा।
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प्राणासन करने का समय | Time Duration of Pranasana
शुरुआत में इसे 5-6 सेकंड करे और 2-3 बार करे। फिर समय हर सप्ताह 1-2 सेकंड बढ़ाये। फिर इसका समय बढ़ाकर 15-20 सेकंड तक इसका अभ्यास करे। जब आप इसे नियमित और अच्छे से करने लग जाओ तब इसे 5-10 मिनट तक कर सकते है।
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