पद्मासन क्या है | What is Padmasana in Hindi
पदूम का अर्थ कमल होता है। इस आसन को करते समय स्थति कमल के समान हो जाती है, अत: इस आसन को ‘पद्मासन’ कहते है |
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पद्मासन के लाभ | Padmasana Benefits in hindi
पद्मासन के अभ्यास से वात-रोग, पेट-रोग, कब्ज आदि रोगों में लाभ होता है। इस आसन में ध्यान लगाने से लाभ बढ़ जाते हैं। ध्यान से अलौकिक शक्तियों का समावेश होता है। शरीर की सुघड़ता, कान्ति, दीर्घ यौवन सहज में प्राप्त होते हैं।
पद्मासन की विधि | Padmasana Steps in hindi
जमीन पर आसन लगाकर उस पर बैठकर दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जायें। अब दायीं टांग को पिण्डली और पैरों से प्रकड़कर धीरे-धीरे घुटने पर मोड़ें।
90″ के कोण के बाद टांग को मोड़ने में कठिनाई होती है। इसके लिये धीरे-धीरे अभ्यास करें। अब दाहिने पैर के गटूटे और पंजे को पकड़ें और द्वाहिनी टांग को थोड़ा ऊपर उठाते अन्दर की ओर खींचिये।
दाहिने की एड़ी बायीं जांघ की जड़ से लगाकर कस लें। अब बायीं टांग को पुन से मोड़कर गट्टे को बायें हाथ, तथा पंजे को दाहिने हाथ से पकड़कर थोड़ा ऊपर उठायें। बायें पैर की एड़ी को दायीं जांघ की जड़ से सटा दीजिये।
फिर ज्ञानमुद्रा में उंगलियों को करके घुटनों पर रखें। अब ध्यान लगायें।
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विशेष
दायें पैर के पंजे को बायीं जांघ पर व बायें पैर के पंजे को दायीं जांघ पर रखकर दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर सीधे बैठें। सर्वप्रथम समतल भूमि पर आसन लगायें।
- आसन को धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक करें।
- उत्तर की और मुँह करके न बैठें।
- रात मैं दोनों पैरों के गटूटे पर सरसों के तेल की मालिश करें।
- मोटे, थुलथुले व्यक्ति को पहले शरीर को सुडौल बनाने और मोटापा दूर करने वाले आसनों का अभ्यास करना चाहिये।
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