कुक्कुटासन क्या है? | What is Kukkutasana in Hindi ?
इस आसन में शरीर की अवस्था कुक्कुट अर्थात् मुर्गी के समान बनती है, इसलिए इसे कुक्कुटासन कहते हैं।
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कुक्कुटासन के लाभ | Kukkutasana Benefits in Hindi
इस आसन के अभ्यास से हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा हाथ की नस-नाड़ियों की दुर्बलता दूर होती है।
बांहें, कंधे और हाथ पुष्ट तथा सुडौल बनते हैं। उनकी अनावश्यक मोटी गद्दियां छंट जाती हैं, जिससे उनसे काम करते समय फुर्ती बनी रहती है।
हाथ, पीठ और कंधों की पीड़ा दूर हो जाती है।
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कुक्कुटासन की विधि | Kukkutasana Steps in Hindi
पद्मासन लगाकर बेठें। फिर दोनों पांवों के बीच में दोनों तरफ त्रिकोण जैसा खाली स्थान बनायें। उनमें अपने हाथों को घुसाकर दोनों हथेलियों को पृथ्वी पर जमा दें।
अब पूरे शरीर का भार दोनों हाथों पर डालकर शरीर को पृथ्वी से ऊंचा उठायें।
जितनी देर तक सम्भव हो सके, इस अभ्यास को करें। सामान्यतः 15 से 80 सेकेण्ड तक इस स्थिति में रहना चाहिए | इस आसन में शरीर का सन्तुलन बनाए रखना बहुत आवश्यक हैं, क्योंकि शरीर का पूरा भार हथेलियों के सहारे टिका रहता है।
इस आसन में शरीर को हिलायें नहीं। सांस रोककर रखें । बेशक एक-दो सेकेण्ड ही आसन अवस्था में ठहर सकें। बाद में आसन की अवधि बढ़ाते जाए।
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विशेष
“तुलासन‘ से प्राप्त होने वाले सभी लाभ, इस आसन से भी प्राप्त होते हैं।
कुक्कुटासन करने का समय | Timing of Kukkutasana in Hindi
आरम्भ में इस आसन को करने में सेकेण्ड-दो सेकेण्ड ही ठहरा जा सकता है। अतः आप धैर्य न खोएं। धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 5 से 80 सेकेण्ड तक आसन मुद्रा में ठहरें। आसन से पूर्व पद्मासन अवस्था में आकर दो, तीन मिनट विश्राम कर पुनः आसन मुद्रा अपना सकते हैं। तीन बार करना काफी।
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