शरीर में पानी की कमी गुर्दे की पथरी होने का एक मुख्य कारण है। लगातार कई दिनों तक पानी के अपर्याप्त सेवन से मूत्र अधिक अम्लीय हो जाता है। जो आगे चलकर अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का कारण बनता है। इसके अलावा एक जगह ज्यादा सदर तक बैठे रहने और बढ़ते वजन और मोटापे के अलावा उच्च रक्तचाप होने से भी आपको गुर्दे की पथरी की समस्या हो सकती है। गुर्दे की पथरी की समस्या शरीर के अंदर मूत्र की रुकावट, पेशाब करते समय जलन आदि जटिल समस्याएं पैदा कर सकती है।
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इसके अलावा इसके अन्य सामान्य लक्षणों में मूत्र नली के आसपास तेज दर्द होना, पेशाब में खून आना, उल्टी और मितली, मूत्राशय में सफेद रक्त कोशिकाओं या मवाद का होना, मूत्र की मात्रा में कमी, मूत्र करते समय जलन, बार-बार मूत्र की इच्छा होना और बुखार और ठंड लगना प्रमुख हैं। इसके साथ ही गुर्दे की पथरी की समस्या से पीड़ित लोगों में किडनी के अन्य रोग होने का खतरा काफी अधिक रहता है।
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भारत में बहुत से लोग किडनी स्टोन यानी कि गुर्दे की पथरी की समस्या से प्रभावित हैं। रोजमर्रा की भागदौड़, अव्यवस्थित लाइफस्टाइल, गर्मी और बढ़ता प्रदूषण इसके होने के सबसे बड़े कारण हैं। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी, खानपान, डिहाइड्रेशन आदि भी इस समस्या को बढ़ाते हैं। इस समस्या में रोगी को पेट में असहनीय दर्द होता है। और कई बार तो पेशाब होना भी रुक जाता है।
इसके अलावा बार-बार टॉयलेट जाना, पेशाब करते वक्त हल्का दर्द महसूस होना, पेशाब के साथ खून आना, बुखार, भूख न लगना और जी मिचलाना आदि गुर्दे में पथरी के होने के मुख्य लक्षण हैं। हमारे देश में लगभग 80 लाख लोग इस समस्या से ग्रसित हैं। इस समस्या के दौरान हमें खानपान को लेकर विशेष सावधानी की जरूरत होती है। क्योंकि एक बार पथरी निकल जाने के बाद भी इसके बार-बार होने की संभावना रहती है। इसीलिए इस बीमारी के खिलाफ खास सावधानी की जरूरत होती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, दिनचर्या में तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाने से गुर्दे की पथरी की समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसा करने से गुर्दे की पथरी के बार-बार होने का जोखिम भी आधा रह जाता है।
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इसीलिए आज हम आपको आइए बताते हैं कि गुर्दे की पथरी होने पर आपको अपनी दिनचर्या में क्या बदलाव करने चाहिए। साथ ही जानिए कि इस समस्या में आपको क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
Quick Tips-
- हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है गुर्दा यानि कि किडनी।
- कोशिकाओं में कैल्शियम की जमावट से होती है ये समस्या।
- छोटे बच्चों, बड़ों किसी को भी हो सकती है ये गंभीर समस्या।
- इस समस्या में मूत्राशय की नलिका में आती है रुकावट।
- गुर्दे की पथरी की समस्या से बचने के लिए अपनाएं ये खास उपाय।
गुर्दे की पथरी से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय-
- ज्यादा से ज्यादा तरल पानी पीना गुर्दे की पथरी की समस्या से बचने का एक सबसे अच्छा आसान और कारगर तरीका है। इस समस्या से बचने के लिए तरल पदार्थों का जितना अधिक सेवन किया जाए उतना अच्छा है।
- आहार में सोडियम की ज्यादा मात्रा के सेवन से गुर्दे की पथरी हो सकती है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए अपने आहार में सोडियम की मात्रा को कम-से-कम प्रयोग करें।
- इसके साथ ही अपने आहार में ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी सीमित मात्रा में करें। ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट, बीट्स, नट्स, पालक, चावल, स्ट्रॉबेरी, चाय और गेहूं की चोकर में ऑक्सलेट की मात्रा बहुत अधिक होती है।
- गुर्दे की पथरी की समस्या होने पर पशु प्रोटीन जैसे मांस, मछली आदि बहुत कम मात्रा में ही खाएं। इसमें अम्लीय पदार्थ अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। जिससे यूरिक एसिड में वृद्धि होती है। यूरिक एसिड पथरी बनने के मुख्य कारणों में से एक है।
- इन सबके अलावा कई दवाइयों के अधिक समय तक लगातार सेवन से भी गुर्दे की पथरी की ये समस्या हो सकती है। जैसे कि विटामिन-डी और कैल्शियम आदि युक्त दवाइयां लंबे समय तक लेने से शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है। जो आगे चलकर गुर्दे की पथरी होने का कारण बनता है। इसके अलावा ध्यान दें कि प्रोटीन और सोडियम अधिक और कैल्शियम का कम सेवन भी पथरी होने का एक कारक हो सकता है।
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