स्वस्थ जीवन जीने के लिए किसी उपचार और दवाओं की जरूरत नहीं है बस आपको सही तरीके से स्वास लेने की जरूरत है। ऐसा करके आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते है। आजकल की दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई की खानपान सही नहीं रह पता और मन भी अशांत रहता है। इसलिए आप थोड़ा समय निकालकर यदि कपालभाती प्राणायाम को अपनाओ तो आप दिनभर ऊर्जावान रह सकते है और मन भी शांत रहेगा। हम ऐसा कह सकते है की इसमें सभी योगासनों का लाभ मिल सकता है।
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आज इस लेख में हम बात करते है कपालभाती प्राणायाम के बारे में की इसके चमत्कारी फायदे क्या क्या है। देखा जाये तो यह अपने आप में सम्पूर्ण है इसी कारण इसके फायदे भी बहुत है और हमें कई बीमारियों से दूर रखता। यह प्राणायाम सब में से अच्छा स्वास अभ्यास है। इस प्राणायाम में नाक से बाहर जोर से स्वास छोड़ते और पेट अंदर खींचते है। आइये इस लेख में हम इस प्राणायाम के लाभ और इसके साथ ही इसकी विधि के बारे में बात करेंगे।
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कपालभाती प्राणायाम के फायदे | Kapalbhati ke Fayde | Kapalbhati Pranayama Benefits
इसके कई फायदे हैं, जिनके बारे में नीचे बता रहे हैं:-
वजन घटाने के लिए | Kapalbhati Pranayama for Weight Loss in Hindi
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते है तो ये प्राणायाम क्र सकते है। इससे आपका वजन तेजी से कम होगा होगा। इसके साथ ही पेट की चर्बी कम करने के लिए बहुत ही अच्छा है। वजन घटाने के आसान उपाय और नुस्खे
बालों के झड़ने से रोकने के लिए
यदि आप बालो के झड़ने की समस्या से पीड़ित है तो ये आपके लिए असरदार हो सकता है। क्योंकि ये आपको सिर के रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है जिससे बालो की जेड मजबूत होती और बाल झड़ते नहीं है। आप को जानकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन योग करने से भी बालो को झड़ने से रोका जा सकता है। झड़ते बालों के लिए चमत्कारी उपाय
कब्ज को ठीक करने में
कब्ज की समस्या आजकल हर वर्ग के व्यक्तियों में हो जाती है। कब्ज के लिए दवाये ज्यादा असरदार भी नहीं होती और लम्बे समय तक लेने पर साइड इफ़ेक्ट भी हो सकता है। इसलिए जिनको भी कब्ज की समस्या है वो कपालभाति प्राणायाम करने से कुछ दिनों में ही कब्ज दूर हो जाएगी। इसके साथ ही आप वज्रासन और सूर्य नमस्कार योग भी कर सकते है।
फेफड़ों की समस्याओं के लिए
आज के समय प्रदूषण अधिक होने कारन अधिकतर लोग फेफड़ो की बीमारी से ग्रसित है। फेफड़ो की बीमारी के लिए ये योग बहुत ही अच्छा है क्योंकि ये स्वास प्रवाह को सही करता है। कपालभाति को नियमित रूप से करने कम ही समय में फेफड़ो से समन्धित समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
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कपालभाति प्राणायाम की विधि | Kapalbhati Pranayama Steps
इस प्राणायाम को करने के लिए आप सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठे। हथेलियों को घुटनो पर रख ले और शरीर को एकदम सीधा रखना है।
इसके बाद स्वांस को पूरी क्षमता के साथ बाहर की और लगातार छोड़ना है, लेकिन ध्यान रखना है आपको की इसमें सिर्फ़ स्वास बाहर की और ही छोड़नी है। और जब स्वास बाहर की तरफ छोड़ते है तो पेट को अंदर की तरफ खींचना है, इसमें स्वास लेनी नहीं है, क्योंकि इस प्रक्रिया में स्वास अपने आप अंदर आती रहती है।
यह आपके शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालकर उसे सकारात्मक बनाता है। इसके साथ ये सोचे की आपके सारे नकारात्मक तत्व शरीर से बाहर निकल रहे है।
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कपालभाति प्राणायाम में सावधानी। Kapalbhati Pranayama precautions
कपालभाति के फायदे तो बहुत सारे लेकिन इसका मतलब ये नहीं की इसका कोई नुकसान नहीं है। ऐसा नहीं यदि इसको करते समय सावधानी नहीं बरती जाये तो नुकसान हो सकता है।
वैसे तो इसको कोई भी कर सकता है, लेकिन जिनको स्वास से जुडी कोई बीमारी है उन्हें किसी योगगुरु से सलाह लेने के बाद ही यह करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओ को ये आसन सलाह पर ही करना चाहिए।
जिन लोगो को नाक से खून बहने की समस्या है उन्हें कपालभाति नहीं करना चाहिए।
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