कमर चक्रासन विधि और लाभ

कमर चक्रासन क्या है? | Kamar Chakrasana

इस आसन में साधक को अपने शरीर की आकृति किसी पहिये की भांति घुमानी पड़ती है, इसलिये इसे “कमर चक्रासन’ कहा जाता है।

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कमर चक्रासन के लाभ | Kamar Chakrasana Benefits

  • यह आसन रीढ़ के लम्ब क्षेत्र को प्रभावित कर नितम्बों तथा पेट के मोटापे को दूर करता है।
  • आमाशय एवं जिगर स्वस्थ होते हैं। टांगों की साइटिका पीड़ा ठीक होती है।
  • इस आसन से शुक्र ग्रन्थियों पर सकारात्मक प्रभाव होता है।

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कमर चक्रासन करने का तरीका | Kamar Chakrasana Steps

सर्वप्रथम आप जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जायें। फिर अपनी दोनों टांगों को सामने की ओर ज्यादा-से-ज्यादा दायीं ओर तथा बायीं ओर फैलाकर रखें।

श्वास बाहर की ओर निकालते हुए अपने दायें हाथ से बायें पैर का अंगूठा पकड़ें एवं माथा बायें घुटने से स्पर्श करायें तथा दूसरा हाथ अपनी कमर के पीछे श्वास भरते हुए वापिस लायें। इसी प्रकार दूसरी ओर से करें।

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विशेष

इस आसन में अपनी दोनों टांगों को सामने की ओर ज्यादा-से-ज्यादा द्वायीं ओर तथां बायीं ओर फैलाकर बैठा जाता है। यह आसन करते समय ध्यान रहे कि आपके घुटने उठने न पायें। इसको करते समय एक हाथ कमर के पीछे की ओर रहे।

कमर चक्रासन करने का समय

यह आसन आप रोजाना आठ या दस-बारह बार कर सकते हैं।

कमर चक्रासन में सावधानी | Kamar Chakrasana Precautions

इस आसन को करते समय अपने घुटनों को मोड़ें नहीं, पैरों को फैलाकर रखें।

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