हस्तपादासन इन शब्दों से लिया गया है हस्त् का अर्थ है हाथ, पाद का अर्थ है पैर और आसन का अर्थ है आसन या मुद्रा। इसे आगे की ओर झुकते हुए या हाथों से पैरों के को पकड़ते है। इस आसन के लिए एकाग्रता की आवश्यकता होती है।
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हस्तपादासन क्या है? | Hastapadasana
यह आसन पाद-हस्तासन के समान है, मगर उससे काफी भिन्नता लिये हुए है। इसमें पैरों को हाथों से जकड़ा जाता है, अतः यह हस्त-पादासन कहलाता है।
हस्तपादासन के लाभ | Hastapadasana Benefits in Hindi
योगा करने के कई फायदे हैं। हस्तपादासन का लाभ चमत्कारिक है, यहां निचे बताया गया है।
- यह आसन पेट तथा प्रजनन अंगों को सुधारता है और अनावश्यक मोटापे को कम करता है।
- इस आसन से मेरूदण्ड शक्तिशाली बनता।
- इस आसन से बड़ी आंत के अंतिम भाग को स्वच्छता प्रदान होती है।
- बालों के झड़ने से रोकता है।
- शरीर को संतुलित करने में मदद करता है।
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
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हस्तपादासन करेने की विधि | Hastapadasana Steps
इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को दोनों बगलों में ढीले लटका दें। दोनों पांवों की एड़ियां, परस्पर मिली रहें तथा पंजे भी एक-दूसरे का स्पर्श करते रहें। अब शरीर के ऊपरी भाग को धीरे-धीरे । आरम्भ करें। सर्वप्रथम सिर को झुकाएं, फिर पीठ को, परन्तु घुटने को तनिक भी नहीं झुकने देना चाहिए।
अब शरीर के ऊपरी भाग को तब हक तक झुकाते जाएं जब तक कि अंगुलियों द्वारा पांव की एड़ियों को न पकड़ लिया जाए।
इस अभ्यास में एड़ियों के स्थान पर टखनों को भी पकड़ते हैं। नीचे को झुकते समय श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें, फिर घुटनों के बीच खाली जगह में रखना चाहिए | सिर को पीछे की ओर जांघों के बीच में सटाया जा सकता है। बाद में धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जा सकता हैं।
विशेष
यह आसन कुछ कठिन है। मोटे लोगों को अधिक कठिन लगता है,परन्तु नित्य प्रति के अभ्यास से सिद्ध हो जाता है कि जो लोग स्थूलतावश, एड़ियों को न छू सकें वे आराम से घुटनों को थोड़ा झुकाकर अभ्यास करें। गर्भवती स्त्रियां न करें। नवयुवतियां इस आसन को सहजता से कर सकती हैं।
हस्तपादासन करने का समय-आसन मुद्रा में आ जाने के बाद श्वास रोककर आसमभ में 10 सेकेण्ड तक रहें। बाद में बढ़ाकर आधा मिनट कर सकते हैं। इस आसन को 6 बार तक दोहराएं।
सावधानी
योग को अच्छे से करे, एकाग्रता और शांति की आवश्यकता है। परिणाम प्राप्त करने के लिए नियम के साथ इसका पालन करने की आवश्यकता है। इन रोगो से पीड़ित लोगों के लिए यह आसन करने की सलाह नहीं दी जाती है:
- हृदय संबंधी समस्याएं
- रीढ़ की समस्याएं
- हरनिया
- सिर का चक्कर
- उच्च रक्तचाप
- गंभीर पीठ दर्द
- साँस लेने में तकलीफ
क्या करना चाहिए
- उचित कपड़े पहनें जो आपको सांस लेने दें और आपको स्ट्रेच करने और अभ्यास करने की अनुमति दें।
- इसे जमीन, पार्क या योग मैट पर करें
- ओवर पोज़ न करें
- अभ्यास करने से पहले योग सीखें
- अपने योग के समय को निर्धारित करें