एकहस्त भुजासन क्या है? | Eka Hasta Bhujasana
इस आसन में साधक अपनी एक टांग उठाकर एक हाथ की भुजा के ऊपर रखता है। अतः इसे ‘एकहस्त भुजासन’ कहते हैं।
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एकहस्त भुजासन के लाभ | Eka Hasta Bhujasana Benefits
- इस आसन को करने से ग्रीवा पर जोर पड़ता है, अतः इसमें बल आता है।
- इससे हाथ-पैरों पर जोर पड़ने के कारण मांसपेशियां अधिक बलवान होती हैं।
- सांस की नली, सीना तथा आमाशय का भी व्यायाम होता है।
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एकहस्त भुजासन की विधि | Eka Hasta Bhujasana Steps
सर्वप्रथणम आप जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जायें और अपने बायें पैर को उठाकर कंधे पर रखिये और अपने दोनों हाथों को गले के पीछे परस्पर उंगलियों को मिलाकर रखिये और बाजू के सहारे पैर को ऊपर पकड़कर रखिये।
इसी स्थिति में जितनी देर आसानी से रहा जा सके रहें | फिर पूर्व स्थिति में आकर शरीर को विश्राम करायें तथा कुछ क्षण विश्राम के पश्चात् इस आसन क्रिया को दुहरावें। पैरों को बदल लें।
एकहस्त भुजासन की सावधानी | Eka Hasta Bhujasana Precautions
इस आसन में पहले बैठ जाइये। किसी एक पैर को उसी ओर के कंधे पर उठाकर रखें।
इस आसन को करते समय आपके हाथों की उंगलियां आपस में मिली रहें।
इसमें जमीन पर रखा हुआ पैर साधारण पालथी की भांति रहना चाहिये।
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एकहस्त भुजासन करने का समय
इस आसन को आप रोजाना दो से चार बार आसानी से कर सकते हैं।
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