द्विहस्त भुजासन क्या है? | What is Dwi Hasta Bhujasana?
इस आसन में साधक अपनी दोनों टांगों को उठाकर अपने दोनों हाथों की भुजा पर रखता है। इसे ‘द्विहस्त भुजासन’ कहा जाता है।
और ये भी पढ़े:- ज्ञान मुद्रा आसन | Gyan Mudra Asana
द्वि हस्त भुजासन के लाभ | Dwi Hasta Bhujasana Benefits
- इस आसन में हाथ-पैरों तथा गले की नस-नाड़ियों का ख़िंचाव होता है, जिससे उसके रक्तसंचार में तीव्रता आ जाती है।
- इससे गुदा सम्बन्धी रोग (जैसे बवासीर आदि) में भी लाभ होता है।
- कंधों तथा जांघों को अधिक बल मिलता है और शरीर का आलस्य दूर होता है।
- इस आसन से आमाशय सम्बन्धी विकारों को दूर करने में सहायता मिलती है।
और ये भी पढ़े:- योगमुद्रा आसन | Yoga Mudra Asana
द्वि हस्त भुजासन की विधि | Dwi Hasta Bhujasana Steps
यह आसन भी पहले बताये गये एक हस्त भुजासन की विधिनुसार ही है, परन्तु इसमें इतना अन्तर आता है कि इस आसन में आपके दोनों पैर अपनी-अपनी ओर के कंधे के ऊपर रहते हैं और हाथों को एकहस्त भुजासन में बताये गये ढंग से ही गर्दन के पीछे ले जाकर परस्पर पकड़े रहते हैं।
इस आसन को क्रमशः छः से आठ सेकेण्ड तक करें। फिर पूर्व स्थिति में विश्राम कर आसन विधि दुहरायें।
और ये भी पढ़े:- त्रिकोणासन करने का तरीका और फायदे
द्वी हस्त भुजासन की सावधानी | Dwi Hasta Bhujasana precaution
- इस आसन में अपने दोनों पैरों को उठाकर कंधों के ऊपर रखकर बैठ जायें।
- इस आसन को करने से पहले एकहस्त भुजासन करना उचित है।
- इस आसन को स्त्रियां न करें, विशेष ध्यान रहे।
- हाथों की उंगलियां आपस में बंधी रहें।
द्विहस्त भुजासन करने का समय | Time Duration of Dwi Hasta Bhujasana
इस आसन को आप प्रतिदिन दो या चार बार ही करें
और ये भी पढ़े