चक्षु व्यायाम(Chakshu Vyayam in Hindi)- नेत्र हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। नेत्र ज्योति बढ़ाने(Eye Health Tips in Hindi) के लिए नेती व त्राटक बहुत लाभकारी हैं । इनका नित्यप्रति का अभ्यास परम आवश्यक है । ये दोनों क्रियाएं षट्कर्मों में दी गयी हैं।
आँखों के चक्षु व्यायाम योग(Chakshu Vyayam Eye Health Tips in Hindi)
योगासनों के अतिरिक्त नेत्र-ज्योति बढ़ाने(Eye Health Tips in Hindi) वाले कई बड़े ही उपयोगी और लाभकारी है व्यायाम हैं । इनमें से कुछ का अभ्यास नियमित रूप से प्रतिदिन करना अति आवश्यक है। | चक्षु व्यायाम (Chakshu Vyayam) तरह के साधारण और सरल व्यायाम योगासनों के बाद आप कर सकते हैं।
पद्मासन, सुखासन या सिद्धासन में बैठें । मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी), सिर और गर्दन को सीधा करते हुए ये ये निम्नलिखित व्यायाम करें।
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लंबवत् गति (Vertical Movement)
गर्दन हिलाये बिना आंखों(Eye) की पुतलियों को ऊपर भ्रूमध्य में तथा नीचे नासिकाग्र पर या एक फुट आगे भूमि पर पहले धीरे-धीरे, फिर जल्दी-जल्दी 24 बार करें, यानि दृष्टि को ऊपर-नीचे करें। अंत में, आंखों को आराम से मूंदकर 5 सैकेंड विश्राम दें।
आयताकार गति (Rectangular Movement)
आंखों के सामने एक काल्पनिक आयत बना लें और उसके चारों कोनों पर दृष्टि को क्रमश: बार-बार बायें से दायें और दायें से बायें ले जाएं अंत में, थोड़ी देर आंखें(Eye) भूदकर आराम दें।
कर्णरेखावत् गति (Diagonal Movement)
पुतलियों को दायीं आंख के कोने के ऊपर और बायीं आंख के कोने से नीचे, तिरछे (Diagonal) बारी-बारी 12 बार करें।
इसी प्रकार अब दृष्टि क्नो बायीं आंख के कोने के ऊपर और दायीं आंख के कोने के नीचे तिरछा जल्दी-जल्दी ऊपर-नीचे, बारी-बारी 2 बार करें।
फिर आंख मूंदकर हल्का आराम दें।
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गोलाकार गति (Circular Movement)
आंखें खोलकर, गर्दन को बिना हिलाये, नेत्रों के गोलक (Eye बाll) को 12 बार दायें से बायें और बायें से दायें घुमाएं।
दूर और नजदीक लाना
अपनी आंखों के सामने अपना दाहिना हाथ फैलायें और अंगूठे के ऊपर की ओर तानते हुए बाकी चार अंगुलियां मोड़ लें । अब दृष्टि को अंगूठे के ऊपर से ले जाते हुए दूर किसी बिंदु को देखें और फिर दृष्टि को अंगूठे पर लाएं। ऐसा कई बार करें।
अंगूठे को धीरे-धीरे आंख के नजदीक लाते जाएं और दूर तथा नजदीक अंगूठे पर बारी-बारी देखने की क्रिया जारी रखें। ऐसा अंगूठे के आंख के नजदीक आने तक करें। इस व्यायाम से आंख के आसपास की मांसपेशियां पुष्ट होती हैं और नेत्र निरोग रहते हैं।
अब व्यायाम के अंत में आंखों को मूंदकर पामिंग (Palming) करें, अर्थात दोनों हथेलियों से आंखों को ढंकें।
ऊपर के व्यायाम(Exercise) खड़े होकर भी किये जा सकते हैं । इन व्यायामों को नियमित रूप करने से तनाव (Tension) और थकन दूर होती है, ज्योति उत्तरोत्तर बढ़ती है और आंखों में एक प्रकार की शीतलता और कोमलता रहती है। आसन करने के अंत में इन व्यायामों के करने और कराने का प्रयत्न कीजिए।
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झूला टाइप व्यायाम
ऊपर दिये गये व्यायाम तो दृष्टि से सीधे संबंधित हैं, पर नीचे झूला टाइप जिन दो व्यायामों का हम वर्णन करने जा रहे हैं, उन्हें यदि ठीक तरह किया जाए, तो ये दृष्टि के लिए तो लाभकारी हैं ही, इनका प्रभाव समूचे स्नायुमंडल (Nervous System) पर भी पड़ता है।
झूला (Swinging) टाइप व्यायाम की इस पहली विधि में, दोनों पैरों के बीच लगभग एक फुट का अंतर रखकर सीधे खड़े हो जाएं। अब बिना किसी तनाव के सारे शरीर को चड़ी की पेंडुलम की तरह धीरे-धीरे दायें-बायें घुमाएं। शरीर को घुमाते समय ध्यान रखें कि पूरा पैर जमीन से न उठने पाये, केवल दायें और बायें पैर की एड़ी बारी-बारी जमीन से उठे, पंजा जमीन से सटा रहे।
दूसरी ध्यान देने योग्य बात यह है कि पैर से सिर तक सारा शरीर घूमना चाहिए, केवल कमर या कमर से ऊपर का हिस्सा ही नहीं । यह व्यायाम कम-से-कम पांच मिनट तक करें । व्यायाम करते समय बारी-बारी से एक मिनट आंखें खुलीं और एक मिनट बंद रखें।
पैरों को छह इंच के फासले पर रखकर सीधे खड़े हो जाइए बायें पैर की एड़ी को उठाते हुए सारे शरीर को 90″ दायीं ओर ले जाइए। सिर, आंखें, बाजू आदि अंगों को इस तरह ढीला रखिये कि सारे शरीर के साथ वे भी घूम जाएं। अब दायें पैर की एड़ी उठाते हुए 90” बायीं ओर उसी स्थिति में आ जाइए, जिसमें आप शुरू में खड़े थे। इसी प्रकार दायीं एड़ी को उठाते हुए पहली स्थिति में आ जाइए।
तात्पर्य यह है कि इस व्यायाम में 90* दायीं ओर और 90“बायीं ओर जाना है और फिर पहली स्थिति में लौट आना है। एकदम पीछे की ओर (About Turn) कभी नहीं जाना है। सारी क्रिया को, आराम से 6 पूरे चक्कर प्रति मिनट के हिसाब से 5 मिनट तक करें।
इन व्यायामों के अतिरिक्त आगे लिखे नियमों के पालन से भी नयन ज्योति बढ़ाने या कायम रखने में काफी मदद मिलती है। ये नियम नेत्रों को थकान से बचाने व थकी हुई आंखों को विश्राम देते हैं, जिससे नेत्र शक्ति(Eye Health) का हास नहीं होता ।
जल्दी-जल्दी पलकें गिराना (Blinking)
आंखों को आराम पहुंचाने का बढ़िया, प्राकृतिक और आसान तरीका है ब्लिन्किंग(Blinking) | चाहे आप जो भी काम करते हों, जल्दी-जल्दी पलक गिराना न भूलिए। याद रखिए कि घूरना (Gazing) – यानी देर तक पलक न गिराना आंखों की ज्योति कम करने का मुख्य कारण है |
दस सैकेंड के अंदर दो बार नहीं तों कम-से-कम एक बार जरूर पलकें गिरायें | पढ़ते वक्त भी जल्दी-जल्दी पलक गिराने से आंखें जल्दी नहीं थकती और आप देर तक आराम से पढ़ सकते हैं | अधिक पढ़ने वालों के लिए ब्लिन्किंग (Blinking) की आदत डालना अति आवश्यक है।
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हथेलियों से आंखें ढंकना (Palming)
आंखों(Eye) की हरारत जल्द हटाने का सबसे अच्छा तरीका है पामिंग (Palming) । आराम से कुर्सी पर या नीचे कहीं बैठ जाएं। आंखें मूंदकर हथेलियों को प्याले की तरह बनाते हुए आंखों पर इस प्रकार रखें कि बायीं हथेली बायीं आंख को और दायीं हथेली दाहिनी आंख को पूरी तरह ढंक ले, किंतु नाक पूरा खुला रहे और अंगुलियों का ऊपरी हिस्सा ललाट पर आ जाए ।
हथेलियों से आंखें दबाएं नहीं, अपितु इस प्रकार पूरी तरह ढके रखें कि बाहर का प्रकाश आराम से आंखों पर न पड़े । अगर आप कुर्सी पर या नीचे बैठे हों तो कोहनियों को घुटनों पर रख लें। जब भी आंखें थकी मालूम हों, आप इसे दस-पंद्रह मिनट तक करें | इससे आंखों को बड़ी शांति और शीतलता मिलेगी। आंखों को आराम देने का यह सरल तरीका है।
हमारी आंखें कैमरे की तरह हैं। जिस तरह कैमरे में अंधेरा रहने से ही तसवीर साफ आती है, उसी प्रकार बंद आंखों को हथेलियों से ढंक कर पामिंग (Palming) करने से दृष्टि साफ और तेज होती है। जब कभी आपकी आंखें काम करते हुए या पढ़ते हुए थक जाएं तो कुछ देर के लिए इसी प्रकार पामिंग (Palming) करें। आंखें स्वस्थ हो जाएंगी । बच्चों को आदत डालें कि पढ़ते हुए या टी. वी. देखते हुए वे आंखों को झपकाते रहें और जब आखें थक जाएं तो कुछ समय के लिए पामिंग करें | कभी भी आंखों पर चश्मा नहीं लगेगा।
एक बात का और ध्यानं रखने की आवश्यकता है कि अपने भोजन में विटामिन ‘ए’ की कमी न होने दें । विटामिन ‘ ए’ की कमी से आंखें कमजोर या रोगी हो जाती हैं | विटामिन *ए’ हरी पत्तेदार सब्जियों, अंकुरित अनाज, गाजर, आम, पपीता, दूध, दही आदि में बहुतायत में पाया जाता है।
आनन्द मदिरासन | Ananda Madirasana
ठंडे पानी से छींटें मारना
शीतल और शुद्ध जल आंखों के लिए टॉनिक (Tonic) का काम करता है । अत: आप जब भी हाथ-मुंह धोएं, चुल्लू में पानी भरकर मुंदी हुईं आंखों पर चार-पांच इंच की दूरी से लगभग बीस छीटें धीरे-धीरे मारें। इससे आंखों में ताजगी और स्फूर्ति आती है। पानी में थोड़ा नमक डालकर आंखें धोयें तो वे साफ होतीं हैं।
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त्रिफला के पानी से आंखें धोना
रातभर भिगोये हुए त्रिफला चूर्ण के शीतल जल से आंखें धोना नेत्र-ज्योति बढ़ाने में काफी लाभ पहुंचाता है। आंखें धोने के लिए आप आईवॉशर (Eye Washer) का इस्तेमाल कर सकते हैं जो योग संस्थान के केंद्र में उपलब्ध है । केवल शीतल जल से ही यदि आप आंखों को सुबह-शाम आईवॉशर से धोयें तो आंखों में ताजगी आएगी और वे निरोग रहेंगीं।
सूरज की रोशनी ग्रहण करना
नयन ज्योति बढ़ाने(Eye Health Tips in Hindi) में सूर्य का प्रकाश यदि ठीक तरह ग्रहण किया जाए तो वह रामबाण का काम करता है, किंतु खुली आंख से सूर्य की ओर देखना हानिकारक और खतरनाक है। सूर्य की किरणों के सेवन के कई तरीके हैं उनमें से कुछ ऐसे तरीकों का उल्लेख हम यहां कर रहे हैं जो किसी समय हमारे नित्य कर्म का एक अभिन्न अंग थे। आज के बदलते माहौल में जब रात को देर से सोना हमारे जीवन के लिए आवश्यक-सा मान लिया गया है तब सूर्य दर्शन कर पाना अपने-आप में एक साधना से कम नहीं है;
सूर्य नमस्कार | Surya Namaskar 12 Pose and Benefits in Hindi
सूर्य दर्शन
आंखें मूंदकर, सूर्य की और मुंह कर के खड़े हो जाएं और गर्दन को धीरे- धीरे, दाएं-बाएं पांच-सात मिनटों तक घुमाएं, ताकि प्रकाश आंख के सभी हिस्सों पर बराबर पड़े। सूर्य की किरणों को प्रात:काल ग्रहण करना और अधिक लाभदायक है।
सूर्य की किरणों का पानी से होकर आंखों पर पड़ना
सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे नयन-ज्योंति बढ़ाने का ही रहस्य मालूम होता है। जब हाथ ऊपर करके हम सूर्य को जल का अर्ध्य देते हैं, तो उसकी किरणें पानी से छनकर हमारी आंखों पर पड़ती हैं जो दृष्टि को स्वस्थ करती हैं | किरणें उदित होते हुए सूर्य की होने चाहिए । इस क्रिया से नेत्रों को विशेष और समूचे शरीर को सामान्य लाभ होता है।
हरे पत्तों से सूर्य को देखना
पीपल के हरे पत्तों को आंख के बिलकुल पास लगाकर उसमें से सूर्य की ओर देखने से आंखों को बल मिलता है।