चक्रासन कैसे करे | chakrasana in Hindi | Benefits

चक्रासन एक रीढ़ को मजबूत करने वाला आसन है जिसका उपयोग अष्टांग योग के छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। आपके शरीर को स्वस्थ और सुडोल बनाने में मदद करता है। यहाँ हम इस आसन को कैसे करे या इसके क्या फायदे है?chakrasana in Hindi और इसके benefits  के बारे में चर्चा करंगे।

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चक्रासन क्या है? chakrasana in hindi

चक्र शब्द का मतलब है पहिया, इस आसन में साधक के शरीर की स्थिति चक्र के समान होती है। अतः इसे चक्रासन कहते हैं। ये आसान धनुरासन के विपरीत होता इसलिए इसे उर्ध्व धनुरासन भी कहते है।  यह आसन आपको प्राकृतिक रूप से स्वस्थ महसूस कराने में मददगार हो सकता है। यदि नियमित रूप से अभ्यास किया जाए तो यह आपको मजबूत और निडर बना सकता है।

यह 12 हठ योग में से एक है और आपके कंधे, छाती और रीढ़ को लचीलेपन प्रदान करने के लिए बहुत उपयोगी है।

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चक्रासन करने की विधि | chakrasana Steps in hindi

chakrasana Steps in hindi

आसन के लिये सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पांवों के बीच में डेढ़ फुट का अन्तर बना लें। अब दोनों बांहों को ऊपर उठा दें फिर-उन्हें धीरे-धीरे पीछे की ओर लाते हुए तब तक नीचे ले आएं जब तक कि हथेलियां पृथ्वी का स्पर्श न कर उठें। इस स्थिति में शरीर अर्द्ध-गोलाकार हो जायेगा। हाथों की अंगुलियां परस्पर मिलाए रखें और वे पांवों की एड़ियों की ओर रहेंगी।

अब हथेलियों को धीरे-धीरे एड़ियों की ओर बढ़ाएं तथा जितना अधिक बढ़ा सकें बढ़ा दें। कुछ सेकेण्ड तक सांस रोके हुए इस स्थिति में रहें। जब सांस रोकना कठिन हो जाए तो उसे धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए पहले की भांति सीधे खड़े हो जाएं। उक्त क्रिया को पहले एक बार फिर धीरे- धीरे अभ्यास बढ़ाते हुए पांच बार बढाएं। यह आसन कुछ कष्टकर तथा कठिन है, परन्तु धीरे-धीरे नियमित अभ्यास से पूरा हो जाता है।

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विशेष

इस आसन को करते समय हथेलियों को नीचे स्पर्श करते समय जल्दबाजी न करें। आरम्भ में जितना नीचे जा सकें, उत्तनी ले जाएं। बाद में अभ्यास से पूरी आसन क्रिया अपनायें।

चक्रासन का लाभ | chakrasana Benefits in hindi | Chakrasana ke fayde

  • इस आसन के अभ्यास से पेट की गड़बड़ियां दूर होती हैं, छाती चौड़ी होती है तथा कमर पतली और लचकदार बनती है।
  • इस आसन से बांहों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं तथा टांगें एवं घुटने चुस्त होते हैं। जांघें और पिण्डलियां भी पुष्ट बनती हैं।
  • इस आसन से बांहों का ऊपरी भाग सशक्त होता है और पेट की चर्बी घटती है।
  • यह आसन शरीर के कद को भी लम्बा करने में सहायक है।
  • इस आसन से रक्त का संचार सही रहता है। जिससे हम अच्छा महसूस करते है।
  • यह आसान थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने मदद करता है।
  • अगर कोई व्यक्ति कब्ज से पीड़ित है तो ये आसन कब्ज से रहत देता है।
  • चक्रासन आपके दिल के लिए अच्छा है।
  • यह योग मुद्रा उन व्यक्तियों के लिए अधिक लाभदायक है जो कंप्यूटर के सामने अधिक समय बैठते हैं।
  • यह योग मुद्रा आपके अग्न्याशय, गुर्दे और यकृत को मजबूत करती है।
  • यह योग मुद्रा आपके तंत्रिका तंत्र, ग्रंथियों और हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद है।
  • यह आसन उन लोगों के लिए बहुत अच्छा जिनको श्वसन या पाचन संबंधी समस्या हैं।

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चक्रासन करने का समय

चक्रासन की मुद्रा में आने के बाद श्वास रोके रहने तक ईसका समय है। एक चक्र पूरा हो जाने के बाद 10 से 15 सेकेण्ड विश्राम लेकर पुनः आसन मुद्रा अपनाएं। तीन बार करें।

चक्रासन में सावधानियाँ

अगर योग करने का पूरा लाभ लेना चाहते हो तो ध्यान रहे की इसे सही तरीके से ही करें। यदि हम इसे गलत तरीके से करते है तो इस आसन से हमें लाभ होने की बजाय नुकसान हो सकता है। तो चलिए चक्रासन योग के लिए क्या सावधानी रखें-

  • विशेषकर महिलाओ को गर्भावस्था के दौरान और मासिक धर्म के दौरान इस आसन को त्याग देना चाहिए।
  • योग शिक्षक की देखरेख में ही इस आसान का अभ्यास करे।
  • दिल के मरीज, High BP, कमर और गर्दन दर्द वाले व्यक्तियों को ये आसन नहीं करना चाहिए।
  • जिन लोगो का किसी प्रकार का ऑपरेशन हो रखा है उन्हें भी इस आसन से बचाना चाहिए।
  • यदि आप गंभीर हर्निया से पीड़ित हैं तो आप इस मुद्रा से बचें।

चक्रासन की शुरुआती मुद्रा है अर्ध चक्रासन। चक्रासन आसन आपको कुछ आगे झुकने वाले आसनो करने में मदद करता है, जिसमें पशीमोत्तानासन और शवासन हैं।

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