एड्स के लक्षण,कारण और इसके उपचार | Aids ke lakshan

एचआईवी एड्स (aids ke lakshan) के बारे में तो आप सब ने सुना ही होगा। और यह भी जानते होंगे, कि असुरक्षित शारीरिक संबंध इस बीमारी को जन्म दे सकते हैं। इतना ही नहीं, पीड़ित व्यक्ति के शारीरिक द्रव के संपर्क में आने से भी आप इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

यह कोई साधारण बीमारी नहीं हैं। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यानी कि यह एक महामारी है। एड्स का पूरा नाम है ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम। एचआईवी एक विषाणु है जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव ड़ालता है और व्यक्ति के शरीर में उसकी प्रतिरोधक क्षमता को दिन प्रतिदिन कमजोर कर देता है।

भारत की बात करें तो यहां एड्स के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज हम आपको इसके कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन संकेतों को पढ़ने के बाद किसी को लगे की वह एड्स(aids) का शिकार हो सकते हैं, तो घबराने और छुपाने की बजाय तुरंत अपना चेकअप करवाएं।

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कैसे फैलता है एड्स

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में एड्स के प्रसार को एड्स संचरण कहा जाता है । एचआईवी केवल उस व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ में फैलता है, जिसे एचआईवी है। इन शरीर के तरल पदार्थों में शामिल हैं-

  • रक्त
  • वीर्य
  • योनि के तरल पदार्थ से
  • स्तन का दूध

एड्स के फैलाने के मुख्य कारण है-

  • असुरक्षित यौन सम्बन्ध से।
  • दूषित टीकों और सुइयों के संपर्क में आने से।
  • पीड़ित व्यक्ति के साथ खून के अदन प्रदान से।
  • एड्स से पीड़ित माँ से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को।

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क्या हैं एड्स के लक्षण | Aids ke lakshan in hindi

एचआईवी के संक्रमण के बाद 2 से 4 सप्ताह के भीतर, कुछ लोगों में फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि बुखार, ठंड लगना या दाने होना। लक्षण कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकते हैं। एचआईवी संक्रमण के इस शुरुआती चरण के दौरान, वायरस तेजी से बढ़ता है।

  • अचानक वजन का घटते जाना।
  • लगातार बुखार आना।
  • हमेशा थकान रहना।
  • सरदर्द का बना रहना और गला ख़राब रहना।
  • सोते समय बहुत पसीना आना।
  • स्किन पर लाल रंग के निशान और धब्बे होना।
  • मानसिक तनाव रहना और याददाश्त का काम होना।

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कैसे करें एड्स से बचाव- Aids se bachav

  • पीड़ित व्यक्ति से यौन संबंध ना बनाएं और हमेशा सुरक्षित सेक्स करें।
  • एक बार यूज की हुई सुइयों का प्रयोग ना करें।
  • खून के लेन-देन से पहले उसकी हमेशा जांच करें।
  • अगर आप एड्स से पीड़ित हैं तो रक्तदान कभी ना करें।

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कैसे करें एड्स से उपचार- Aids se upchar

  • अपने आप को स्वच्छ रखें और खासकर अपने नाखून साफ़ रखें।
  • शौचालय के प्रयोग के बाद और भोजन से पहले अपने हाथों को हर बार धोएं।
  • काटने / छिलने या घाव होने पर उसको ढककर रखें।
  • संतुलित मात्रा में आहार लें।
  • नियमित हल्का व्यायाम और पर्याप्त विश्राम करें।
  • धूम्रपान, शराब या अन्य किसी भी प्रकार का ड्रग्स ना लें।
  • नियमित रूप से अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और डॉक्टर के बताये अनुसार प्रतिरक्षण लें।

मैं एड्स(Aids) होने के जोखिम को कैसे कम कर सकता हूं?

एड्स संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, हर बार सेक्स करते समय सही तरीके से कंडोम का उपयोग करें। अधिक व्यक्तियों से यौन की संख्या सीमित करें। किसी दूसरे की उपयोग में लिए गए इंजेक्शन का उपयोग नहीं करे।

गर्भावस्था और प्रसव के दौरान और जन्म के बाद अपने बच्चों को एचआईवी से पीड़ित महिलाओं को दी जाने वाली एचआईवी की दवा, एचआईवी से होने वाले बच्चे के जन्म के जोखिम को कम करती है। इसके अलावा, क्योंकि एचआईवी को स्तन के दूध में प्रसारित किया जा सकता है, एचआईवी से पीड़ित महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए। बेबी फार्मूला स्तन के दूध का एक सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प है।

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