वज्रासन एक ऐसे प्रकार का आसान है जो हम खाना खाने के बाद भी कर सकते है और ये आसान कोई भी कर सकता है। वैसे वज्रासन का अर्थ होता है वज्र के समान मतलब वज्र का अर्थ मजबूत या कठोर ये हमारे शरीर के अंगो को मजबूती प्रदान करता है। यह आसन हमारे जांघ, घुटने और पैरो को मजबूत करता है इसके अलावा पाचन शक्ति बढ़ाने, शरीर के खून संचार को ठीक रखता है और अधिक खाना खाने के बाद यदि हमें बैचेनी हो तो हमें ये आसन करना चाहिए लाभ मिलेगा।
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वज्रासन क्या है? | What is Vajrasana
वज्र का अर्थ कठोर एवं सख्त है। यह वज्रनाड़ी पर प्रभाव डालने वाला आसन है। वज्रनाड़ी गुदा और अण्डकोष के बीच में होती है, इसलिये इसे ‘वज्रासन’ कहा जाता है।
वज्रासन करने की विधि | Vajrasana Steps
- ये आसन करने के लिए आप आसन(चटाई) बिछाकर बैठ जाये।
- अपने पैरो को घुटने से मोड़कर एड़ियों पर बैठ जाये और आपके दोनों पैरो को अंगूठे मिले हुए हो।
- दोनों हाथो की हथेलियों को कोहनी से सीधा करके घुटनो पर रखे।
- हमारी कमर एकदम सीधी होनी चाहिए और नजर सामने हो।
- जब हम वज्रासन की स्थिति में आजाये तब हमारे कंधे और कमर सीधे रहने चाहिए और हमें रिलेक्स महसूस करना चाहिए।
- आंख बंद करके समान्य स्वास लेते रह और छोड़ते रहे।
ध्यान रहे ये आसन करते समय मुँह बंद रहे और नाक से ही स्वास ले। आप इसको पांच मिनट से लेकर आधे घंटे तक कर सकते हो ये आपकी क्षमता के अनुसार है।
इस प्रकार आप कभी भी बैठ सकते हैं। भोजन करने के बाद इस आसन में बैठिये। अधिक चहलकदमी की हो तो इस आसन में बैठकर टांगों व पिण्डलियों की थकावट दूर करें । यह बहुत आसान व उपयोगी आसन है। यथास्थिति में आकर यह आसन दोबारा दुहरावें।
वज़ासन करने का समय
इस आसन को आप रोजाना एक या दो बार कर सकते हैं।
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वज्रासन के लिए सावधानी | Vajrasana Precautions in Hindi
यह आसन सुरक्षित और आसान है। लेकिन फिर भी कुछ चीजें हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और सावधानी रखनी चाहिए। यहाँ कुछ सावधानिया है जिन्हे ध्यान रखे जब आप इस आसन का अभ्यास करना शुरू करते हैं।
- जिनको एड़ियों में दर्द हो वो लोग ये आसन न करे।
- कमर दर्द होने पर और कमजोरी या चक्कर आने पर ये आसन को नहीं करना चाहिए क्योंकि डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
- जिन लोगो ने एड़ी का, घुटने का और टखने का ऑपरेशन कराया हो उन्हें ये आसन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओ को भी ये आसान नहीं करना चाहिए। या फिर इस आसन का अभ्यास करते समय अपने घुटनों को थोड़ा अलग रखना चाहिए ताकि वे अपने पेट पर दबाव डालने से बचें।
- जिनको आंतों के अल्सर हो, हर्निया या बड़ी या छोटी आंत से संबंधित किसी अन्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को योग प्रशिक्षक के निर्देशन में ही इस मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए।
विशेष
इस आसन मुद्रा में अपनी टांगों को पीछे की ओर मोड़कर घुटनों के बल बैठा जाता है। इस आसन को करते समय आपका मुख उत्तर की ओर न हो। इस आसन को करने से शुरू-शुरू में पैरों में कुछ दर्द हो सकता है। अभ्यास करते रहें तथा सरसों के.तेल की मालिश करें। अपने पैरों को नितम्बें को नीचे खड़े करके न बैठें। उन्हें लेटने की मुद्रा में रखें। गुदामार्ग दोनों पैरों के बीच में होना चाहिये।
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Beginner’s Tips of Vajrasana in Hindi
एक Beginner के लिए कुछ टिप्स है, जब आप वज्रासन में बैठते हैं, तो हो सकता है कि आपके पैरों थोड़ी देर में ही दर्द शुरू हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो आपको कुछ नहीं करना है केवल ये कि आसन को पूर्ववत करें, और अपने पैरों को आगे बढ़ाएं। अपनी एड़ियों, घुटनों और calf muscles को एक अच्छी मालिश दें। धीरे धीरे समय के साथ, और अभ्यास के साथ, आप इस आसन को 30 मिनट तक करने में आराम से सक्षम हो जाओगे।
इसके साथ ही, जो लोग इस आसन की शुरुआत करते है वो इसकी समय अवधि बढ़ाने से पहले धीरे-धीरे पीठ के निचले हिस्से में मांसपेशियों को बेहतर बनाना चाहिए। एक बार पीठ के निचले हिस्से को मजबूत होने के बाद, आपकी सांस के साथ खिंचाव कम हो जाता है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि आप अपने शरीर से अधिक अपने आप को धक्का देते हैं, तो आसन का लाभ कम से कम हो जाते हैं।
वज्रासन के लाभ- vajrasana benefits in hindi | vajrasana ke fayde
आपको पता होगा की किसी भी योग का अभ्यास खाली पेट ही किया जाना चाहिए, लेकिन वज्रासन कुछ अपवादों में से एक है। आप भोजन के बाद इस आसन को सुरक्षित रूप से कर सकते हैं। यह आसन पाचन को ठीक करती है।
- यह आसन पाचन में सुधार करने के साथ इसके नियमित अभ्यास से यह कब्ज को दूर करने में हमारी मदद करता है।
- अच्छी पाचन के साथ के साथ यह अल्सर और अम्लता को रोकता है।
- यह आसन पीठ को मजबूत बनाने में और पीठ के निचले हिस्से की तकलीफ में और साइटिका के रोग में भी मदद करता है।
- इसे करने से पीठ व छाती का दर्द नहीं होता।
- यह आसन pelvic muscles को भी मजबूत बनाता है।
- यह प्रसव पीड़ा को कम करने में सहयोग करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है। महिलाओं को मासिक धर्म सम्बन्धी रोगों से छुटकारा मिलता है।
- यह आसन अच्छे आसनो में से एक है जब इसे आप एकाग्रता और ध्यान करने में ये आपकी मदद करता है।
- मूत्र रोगो के उपचार में मदद करता है।
- यौन अंगों को मजबूत बनाये रखने में मदद करता है।
- यह आपके मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है।
- जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनता है।
- इसमें पिण्डलियों व घुटनों में जमा हुआ मल उखड़ता है।
- सपाट व बैडोल पैरों को अत्यन्त सुन्दर बनाता है।
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वज्रासन का वैज्ञानिक कारण
वज्रासन योग एक स्थिर, दृढ़ प्रकार का आसन है, और यह आसन करने वालो को आसानी से हिलाया नहीं जा सकता है। यह एक ध्यान मुद्रा है, लेकिन इस मुद्रा में बैठना मुश्किल हो सकता है। इसमें पैरों में दर्द और मन में अशांति और आसन में महारत हासिल करने के लिए विजय प्राप्त करनी होती है। इसमें खुद को स्थिर करने के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत है और इसमें अपने मन को एकाग्र करना चाहिए।
वज्रासन शरीर के निचले हिस्से में रक्त परिसंचरण को नियंत्रित करता है। अपने पैरों पर बैठने से पैरों में रक्त के प्रवाह को कम करता है और पाचन क्षेत्र में इसे बढ़ाता है, इसलिए पाचन में सुधर होता है।
वज्रासन(Vajrasana in Hindi) योग अभ्यास शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करले। यदि आपको घुटनो, रीढ़ की हड्डी और छोटी आंत या बड़ी आंत से संबंधित कोई बीमारी है तो आप वज्रासन योग को नहीं करे।
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