योग के कुछ नियम जाने कब करे और कब नहीं करे

योग कब और किसे नहीं करना चाहिए

योग प्राचीन पद्धति है जो मानसिकता और स्वस्थ्य को बढ़ा देती है। ये बात सही है स्वस्थ रहने में योग हमारे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। आजकल योग सीखने के लिए क्लासेस भी लगाती है। हमें योग करने के नियम पता होने चाहिए क्योंकि फायदा होने की बजाय नुकसान हो सकता है।

  • बीमार और अस्वस्थ लोगो को आसन नहीं करना चाहिए। क्योंकि बीमार में थकान बढ़ जाती है जिससे फायदा होने के बजाय नुकसान हो सकता है।

 

  • 10 साल से काम आयु के बच्चो को कठिन आसान नहीं करने चाहिए। क्योंकि इस उम्र में हड्डिया मुलायम होती है। इसलिए बच्चो पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

 

  • गर्भवती और मासिक धर्म में योगासन नहीं करना चाहिए।

 

  • किसी भी आसन को उतर दिशा की और मुँह करके नहीं करना चाहिए। इसका कारन ये है की चुंबकीय प्रतिरोध आसन के लाभों को अप्रभावित कर देता है।

 

  • यदि आपके किसी अंग की कोई हड्डी कभी टूटी हो या फिर ठीक से जुड़ नहीं पायी हो। ऐसी अवस्था में तथा किसी आंतरिक अंग का ऑपरेशन हुआ हो तो आसन का अभ्यास न करे। यदि करे तो किस प्रशिक्षक से नर्देश ले।

 

  • आसन के अभ्यास के दौरान साथी और सहयोगी से किसी प्रकार की प्रितस्पर्धा नहीं करे। क्योंकि प्रतिस्पर्धा के चक्कर में जोश में शरीर के किसी अंग पर जोर पड़ने से नुकसान हो सकता है।

 

  • आसन अभ्यास से पूर्व मन को परिवारिक मामलों से दूर रखे। यग करते समय किसी प्रकार की चिंता, मानसिक अशांति का रहना उचित नहीं है।

 

  • योग करने के बाद आधे घंटे तक कोई भी अन्य कठिन श्रम नहीं करे।

 

  • आसान करने का सही समय सुबह का ही है। यदि सायकाल में आसन करो तो दोपहर के भोजन के बाद कुछ नहीं खाये, पेट खली रहे। आसन खली पेट ही करना चाहिए तब ही लाभ मिलेगा

सिध्दासन: असानो में श्रेष्ठ आसनमन अशांत है तो करे पद्मासन

शीर्षासन की विधि और फायदे,अनुलोम-विलोम प्राणायाम

वज्रासन योग के लाभ और विधि

2 thoughts on “योग के कुछ नियम जाने कब करे और कब नहीं करे”

Leave a Comment