माइग्रेन क्या है:-
ये एक प्रकार का सर दर्द ही है इस प्रकार के होने वाले सर दर्द में हल्का हल्का सर दर्द होता है। ये सर दर्द रोज भी हो सकता है और कभी कभी भी हो सकता है। माइग्रेन आधे सिर का दर्द है और ये कभी पुरे सर में भी हो सकता है। ये सिर दर्द कभी तो २-३ घंटे से लेकर २-३ भी रह जाता है। माइग्रेन को ‘थ्रॉबिंग पेन इन हेडक’ भी कहा जाता है। सामान्य बोल चाल में इस सिर दर्द को अधकपारी भी कहा जाता है। इस प्रकार का दर्द कष्टदायी होता है और तेज रोशनी, मतली, उलटी ,ब्लाइंड स्पॉट, हाथ-पैर में झुनझुनीऔर रोशनी तथा आवाज से संवेदनशीलता जैसे संकेत नजर आते है।
माइग्रेन साइंटिफिक वजह देखे तो रक्तवाहिनियों का बड़ा होना है और इसके साथ नर्व फाइबर्स से केमिकल का स्त्राव होता है ये दोनों कारण ही माइग्रेन के लिए उत्तरदायी है। इस दर्द के दौरान हमारी खोपड़ी के ठीक निचे उपस्थित होने वाली धमनी बड़ी हो जाती है और जिससे केमिकल निकालता और इस केमिकल के वजह से जलन, दर्द और रक्तवाहिनियों को और चौड़ा कर देता है।
सर दर्द को नहीं करे नजरअंदाज !
माइग्रेन के लक्षण:-
- इसमें सर में तेज दर्द होता है और ये दर्द असहनीय होता है तकलीफ देता है। ये दर्द ज्यादातर आधे सिर में दर्द होता है या सर के एक हिस्से में दर्द होता है। इस रोग से पीड़ित को सर दर्द के साथ आँखों में दर्द,मतली और उल्टी का अहसास होता है।
- बहुत ज्यादा उबासी का आना भी माइग्रेन का लक्षण है ये उबासी दिनभर आती रहती है।
- माइग्रेन में वयक्ति को किसी वस्तु या वयक्ति के आस पास वैसी ही मतलब उसी आकर की रोशनी दिखाई देती है।
- इसमें वयक्ति को या तो शांत रहता है या फिर बहुत ज्यादा गुस्सा करता है और भावनाओ में परिवर्तन आ जाता है।
- माइग्रेन के दर्द में थकान महसूस होती है और नींद अच्छे से नहीं आ पाती और वयक्ति इस दर्द की वजह से सो भी नहीं पाता है।
- माइग्रेन के कारण साइनस के लक्षण भी दिखाई देंगे।
- इस की वजह से आँखों में दर्द होता है और आँखों में जलन भी लगाती है।
- माइग्रेन से पीड़ित वयक्ति को बार बार पेशाब आता है अगर ऐसा हो तो वह माइग्रेन से पीड़ित है।
- इस रोग से पीड़ित वयक्ति को प्रकाश, गंध और ध्वनि परिवर्तन के प्रति बहुत सवेदनशील होते है।
तुलसी के उपयोग
माइग्रेन के कारण:-
- एलर्जी की वजह से।
- तनाव के कारण।
- बहुत ज्यादा शोर शराबे से और तेज प्रकाश के कारण।
- बहुत ज्यादा कैफीन उसे करने से।
- शरीर में हार्मोन के उतार चढ़ाव के कारण।
- मौसम परिवर्तन के कारण और ठण्ड में ही होता है माइग्रेन।
- धूम्रपान और शराब के अधिक सेवन से भी।
माइग्रेन के घरेलु उपचार:-
अदरक का उपयोग:-
माइग्रेन में अदरक को बहुत महत्वपूर्ण माना है। तजा अदरक का रस एक चमच शहद में मिलाने से फायदा मिलेगा और अदरक सरदर्द में चाय के साथ पिने में वैसे भी आराम कराती है।
अलसी का उपयोग:-
खाने में आप रोजाना अलसी का उपयोग करे तो माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा। आप अलसी को आतम मिलकर भी उपयोग कर सकते है। अलसी में ओमेगा-३ और फैटी एसिड होता है।
सेब सिरका(एप्पल साइडर विनेगर):-
सेब सिरका माइग्रेन के दर्द में आराम करता है ये इसमें बहुत मात्रा में पोषक तत्व पाए जाता है। आप एक गिलास पानी में एक चमच सेब का सिरका और एक चमच शहद मिलाकर पिए।
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तेल की मसाज:-
आप सरसो के तेल से अपनी अंगुलियों से हल्के हल्के अपने सर की मालिश करो। आप सिर के बीच, दोनों भौंहों के बीच और आंखों के कोनों पर स्थित प्रेशर पॉइंट्स को भी दबाएं। आप तिल के तेल की भी मालिश कर सकते है।
अगर आपको माइग्रेन का ज्यादा ही दर्द होरहा है तो आप आइस पैक को अपने सर पर रखे आराम मिलेगा।
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