प्रोस्टेट का घरेलु उपचार और परहेज

प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो पुरुषो में पायी जाती है। इस ग्रंथि के डिसऑर्डर से मूत्र प्रबंध में समस्या आती है। जब हम पेशाब करके आने के बाद भी फिर से पेशाब करने की इच्छा होती है। पेशाब करते है जब जलन लगाती है। पेशाब करने पर खून भी आ सकते है। अगर हम इस पर ध्यान नहीं दे तो ये समस्या और गंभीर हो सकती है। इसके घरेलु उपचार के द्वारा प्रोस्टेट का इलाज किया जा सकता है।

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प्रोस्टेट का घरेलु उपचार

सीताफल के बीजो का प्रयोग:-

  • सीताफल के बीज ले ओर उनको कच्चा भी प्रयोग कर सकते है। या फिर इन बीजो को सेक कर खाने में शामिल कर सकते है। इन्हे सलाद, सुप या पोहे में मिलाकर भी खा सकते है।
  • आप कच्चे सीताफल के बीज का भी प्रयोग कर सकते है। इसमें बहुत अधिक पोषक तत्व मौजूद होते है। इसमें आयरन, फॉस्फोरस, ट्रिप्टोफैन, कॉपर, मैग्नीशियम, मैग्नीज, विटामिन k , प्रोटीन, जरूरी फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल आदि पोषक तत्व मौजूद होते है। कच्चे सीताफल के बीजो में zinc अधिक मात्रा में पाया जाता है।आप रोजाना 60 mg zinc के उपयोग से प्रोस्टेट में बहुत आराम मिलता है । इसके साथ ही इन बीजो में बीटा-स्टिोसटेरोल भी पाया जाता है जिससे टेस्टोस्टेरोन डिहाइड्रोटेस्टेरोन में नहीं बदलता है। ओर इसके कारण प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ नहीं सकती है और प्रोस्टेट में आराम मिलता है।\

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कद्दू के बीजो का उपयोग:-

कद्दू के बीजो की गिरी को सेंक कर ध्यान रहे हल्का सुनहरा होने तक सेंके। अब इसको पीसकर 20 ग्राम की मात्रा पानी के साथ ले। इसमें जिंक की मात्रा अधिक होता है जिससे प्रोस्टेट बढ़ने से रोकता है और सिकुड़ने लगता है।

गोखरू का उपयोग:-

गोखरू के सेवन से मूत्र से सम्बंधित समस्या में उपयोगी है । एक चमच गोखरू गुनगुने पानी के साथ ले। और एक घंटे पहले और बाद कुछ नहीं खाये।

  • सोयाबीन का प्रयोग अधिक करे क्योंकि इससे टेस्टोरेन कम होता है।

 

  • अलसी का प्रयोग करे। आप अलसी पीस ले और रोजाना 20 ग्राम की मात्रा पानी के साथ ले। सुबह और शाम को ले और ध्यान हमेशा अलसी को ताजा पीसकर ही कम ले।

 

  • प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने पर आप पानी की जगह नीबू पानी, नारियल पानी और धनिये के पानी का उपयोग करे।
    आप दो अंजीर सुबह और शाम पानी में भिगोकर खाये और खाने के बाद पानी पी ले।

 

  • कुलथी और पालक को सामान मात्रा में ले और पानी में उबाले और इसका काढ़ा तैयार करे। इस काढ़े को रोज सुबह और शाम को ले इस रोग में आराम मिलेगा।

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रोगी के खाने योग्य आहार

  1. सेसिम के बीज खाये।
  2. टमाटर खाये।
  3. फल खाये और भोजन में सब्जियाँ का उपयोग ज्यादा करे।
  4. दूध, सोयाबिन, पनीर का खाने में उपयोग करे।
  5. अंडे, मछली और चिकन का।
  6. खाने में एवोकेडो का उपयोग करे।
  7. विटामिन सी युक्त भोजन ले।

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परहेज करे

  • शराब
  • रेड मीट
  • जिस भोजन से वसा और चर्बी बढ़ती हो उसका उपयोग नहीं करे।
  • चाय और कॉफ़ी(कैफीन) का सेवन नहीं करे।
  • कार्बन युक्त पेय।
  • शाम के समय तरल पदार्थ का प्रयोग कम करे।

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