प्राणायाम की सफलता के लिए प्राणायाम करने वाले को हर तरह के नशीले पदार्थ जैसे- शराब,भांग, गांजा आदि का सेवन नहीं करे।
प्राणायाम का सुबह और शाम को कभी भी कर सकते है। लेकिन सुबह का समय सबसे उपयुक्त है।
प्राणायाम सोच आदि से निवृत होकर, दांत, मुँह, हाथ पांव धोकर और आलस्य को त्याग कर प्राणायाम करना चाहिए।
जो प्राणायाम सीखने वाले है उनको अधिक ठण्ड और अधिक गर्मी से बचाना चाहिए। और इसका आरम्भ शरद ऋतू की मौसम में करना चाहिए।
दूध, घी, मक्खन, रोटी ये सब प्राणायाम को सीखने वालो के लिए उत्तम भोजन है।
इसे करते समय मन से विकारो और चिंताओं को दूर हटा देना चाहिए। और वैसे भी प्राणायाम कुछ दिनों तक करते रहने से मन की विकार और चिंता अपने आप दूर हो जाती है।
जब भी प्राणायाम करना शुरू उचित लाभ के लिए लगातार करे। कभी कभी करने से उचित लाभ की प्राप्ति नहीं होती।
प्राणायम में श्वास लेते समय मन की गतिविधि का सूक्ष्म निरिक्षण करना चाहिए। और श्वास को बाहर निकलते समय मन की चंचलता को काबू में रखे।
यदि प्राणायाम करने वालो को कब्ज हो तो गरिष्ठ भोजन और मिर्च मसाले को कम करना चाहिए। और दस्त होतो दही एवं चावल का सेवन करना चाहिए।
प्राणायाम से पहले योगासन करना भी लाभदायक है।
अलग अलग प्रकार के प्राणायाम है जो आपके लिए रुचिकर और सरल हो उन्हें ही करना चाहिए।
जो नियम और विधि है प्राणायाम उसके अनुसार ही करे।
प्राणायाम हमेशा एकांत, शांत, स्वच्छ,हवादार, शुद्ध स्थान पर ही करना चाहिए। दुर्गन्ध, सीलभरे और गन्दी जगह पर प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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