टॉन्सिल में संक्रमण चिंता की बात

टॉन्सिल में संक्रमण और उनके घरेलु उपाय

अगर आपको टॉन्सल में बार बार संक्रमण हो रहा है तो चिंता की बात है। हमारे शरीर के बॉडी गार्ड टॉन्सिल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने में अहम रोल निभाते है। गले के दोनों तरफ पाए जाने वाले बादाम के आकर के अंग है जो एक प्रकार के लिम्फाईड ऊतक है। टॉन्सिल में संक्रमण को टोन्सिलिटिस कहते है। ये समस्या बच्चो में जयादा होती है वैसे किसी भी उम्र में हो सकती है। इसके लक्षणों में सूजन, गले में दर्द, भुखार व निगलने में तकलीफ होती है।

टॉन्सिल हमारे बहार से आने वाले रोगो को रोकता है कह सकते है की इन्फेक्शन्स से हमें बचाता है। टॉन्सिल जब संक्रमित हो जाते है तो ये थोड़े से बड़े और लाल हो जाते है। अगर ये संक्रमण ज्यादा दिनों तक बने रहे तो सही नहीं माना जाता है। कई बार गलत जानकारी एवम सलाह के कारन फालतू में ही टॉन्सिल को निकल दिया जाता है। तो यहाँ आप टॉन्सिल से जुडी कुछ बाते है।

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किन कारणों से टॉन्सिल निकाल देते है:-

वैसे तो टॉन्सिल जल्दी ही ठीक हो जाता है लेकिन कई बार इस समस्या में आराम नहीं मिलता है। यदि आपको एक साल में चार से छह बार से ज्यादा संक्रमण होता है और बार बार संक्रमण होता तो टॉन्सिल निकालने के लिए कहा जाता है। इसमे टॉन्सिल का एक और का आकर बढ़ जाता है और इसके आकर के बढ़ने के कारण हमें खाना निगलने में प्रॉब्लम होती है तो टॉन्सिल को निकाल दिया जाता है।

टॉन्सिल निकालने से क्या होता है:-

जब हमें ज्यादा परेशानी बढ़ जाती है तो टॉन्सिल को ऑपरेशन के द्वारा निकाल दिया जाता है और वैसे टॉन्सिल को निकालने पर हमारे शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

टॉन्सिल का बढ़ना हो सकता है खतरा:-

हमारे गले में दो टॉन्सिल होते है वैसे तो टॉन्सिल को थोड़े से आकर बढ़ने को ही असमान्य नहीं माना जाता जब तक ये हमें खाने में और सास लेने में तकलीफ पैदा न करे। टॉन्सिल के कारण सोते समय सास लेने तकलीफ आती है। इसकी वजह से हमारे ब्रेन तक सही मात्रा में ऑक्सीज़न नहीं पहुंच पाता और रक्तवाहनिया चौड़ी हो जाती है जिससे फिर सर दर्द हो जाता है।
यदि एक तरफ के टॉन्सिल का आकर बहुत अधिक बढ़ जाये तो अनदेखी ना करे ये कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।

टॉन्सिल के घरेलु उपचार:-

दूध:-

दूध लेते समय आप दूध में आधा चमच हल्दी की डालकर उबाल ले और फिर ये दूध ३-४ दिन तक सोते समय ले टॉन्सिल में आराम मिलेगा।
आप दूध में काली मिर्च और तुलसी के पते डालकर काढ़ा बना ले और सोते समय लेने से ये समस्या दूर होगी।

हर्बल चाय:-

आप ग्रीन टी ले सकते है। इसमें आप लॉन्ग, इलाइची और दालचीनी डालकर पिए जिससे गले के बेक्टेरिया धीरे धीरे मर जाते है। आप ग्रीन टी में अदरक और शहद डालकर चाय बनाकर चाय पि सकते है।

लहसुन:-

गर्म पानी में लहसुन को अच्छे से पीस कर मिला ले और इस पानी का कुछ दिन तक गरारा करे टॉन्सिल में बहुत अच्छा फायदा करेगा।

सिंघाड़ा:-

हम जानते है की टॉन्सिल की बीमारी मुख्य रूप से आयरन की कमी से होती है तो हमें सिंघाड़ा खाना चाहिए सिंघाड़ा में आयरन की भरपूर मात्रा होती है।

टॉन्सिल में इन चीजों का करे परहेज:-

टॉन्सिल होने पर आप खट्टी मीठी, ठंडी और तीखी खाने की चीजों का सेवन ना करे। कम तेल मसाले खाये और जिन फलो की तासीर ठंडी होती वो फल और आहार ना खाये।भोजन के बढ़ हमेशा तीन चार तुलसी की पतिया साफ करके खाये।

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