इस आसन में आसन करने वाले के शरीर की आकृति गाय के मुख के सामान हो जाती है इसलिए इसे गोमुखासन(Gomukhasana in Hindi) कहते है।यह आसन औरतो के लिए बहुत लाभदायक(Benefits) है। यह एक ऐसा आसन है जिसे बैठने की स्थिति में किया जाता है। अंग्रेजी में, इस आसन को cow face pose के नाम से जाना जाता है। इस आसन को करने की विधि और फायदे यहाँ बताये गए है।
गोमुखासन करने की विधि:- Gomukhasana in Hindi
- सबसे पहले आप बैठने के लिए दरी या फिर कोई बैठने का आसन बिछा ले और पेरो को सामने की और फैलाकर बैठ जाये।
- आप बाये पैर को मोड़ते हुए एड़ी को नितम्ब(कुले) के निचे लेजाकर दये नितम्ब को एड़ी पर टिकाकर बैठ जाये।
- अब आप दायी पैर को मोड़कर बाये नितम्ब के पास ले जाये और हो सके तो एड़ी बाये नितम्ब के निचे चली जाये।
- इसके बाद आप बाये हाथ को पीछे की और मोड़कर हथेली को बहार की और रखते हुए हाथ को ऊपर की और ले जाये जबकि दाहिने हाथ को ऊपर से मोड़े और दोनों हाथो की अंगुलियों को एक-दूसरे से पकड़े ।
- शरीर को सीधा रखे , गर्दन बिलकुल सीधी रहे और नजर सामने रहे।
- इस स्थति में कुछ समय तक रुके और वापस अपनी पूर्व स्थति में आजाये और विश्राम करे।
- विश्राम के पश्चात अब इसे दूसरी और से दये पैर को मोड़कर और दाये हाथ को निचे और बाये हाथ को ऊपर की और से लेकर करे।
गोमुखासन(Gomukhasana in hindi) करने का समय
इस आसन को आप हाथो की मुद्रा बदलते हुए चार-पांच बार कर सकते है।
ध्यान रखे-
इस आसन में अपनी बायीं टांग को मोड़कर उसकी एड़ी दाहिने नितम्ब के निचे रखी जाती है। दायी टाँग मोड़कर टांग ऊपर रखी जाती है। हाथो को पीछे की और आपस में उंगलीयों को पकड़ा जाता है।
शरीर के अंगो को संचालन अत्यंत सावधानी से करना चाहिए। ये आसन करते समय आपका मुख उतर दिशा की और नहीं होना चाहिए।
ये आसन सावधानी से करना चाहिए। इसको आप अपनी सुविधानुसार स्थति बदलते हुए चार पांच बार करे ।
गोमुखासन के फायदे:- Gomukhasana Benefits in Hindi
- इस आसन से घुटनो को शक्ति मिलती है और हमारे शरीर को शक्तिशाली बनता है।
- यह मन को नियंत्रण करने में सहायक है।
- पैरो की नाड़ियो को स्वस्थ रखता है और अंडकोषों की वर्द्धि को रोकता है।
- इसके अभ्यास से कमर दर्द में आराम मिलता है।
- वीर्य सम्बंधित विकारो को दूर करता है।
- इस आसन से धातु की दुर्बलता, प्रमेह, मधुमेह और बहुमूत्र रोग दूर होते है।
- स्नायुमंडल को शक्ति प्रदान करता है।
- यह आसन पीठ, ग्रीवा, बाह, पैरो की मासपेशियो को लचकदार और सुगठित बनता है। छाती चौड़ी और लौ बी पी और हर्निया को भी ठीक करता है।
- गोमुखासन कुलो के जोड़ों और निचले हिस्से में जकड़न और दर्द को दूर करता है।
गोमुखासन करते समय क्या सावधानी रखे
यहाँ दी गयी उपर्युक्त स्थितियों में गोमुखासन करने से परेशानी बढ़ सकती है। तो, इन स्थितियों में आसन करने से बचना चहिए है।
- कंधे में दर्द या चोट होने पर आसन से बचना चाहिए। यदि आपके कंधे में अत्यधिक दर्द हो रहा हैं, तो गोमुखासन करने से बचें। यदि कंधे में दर्द ज्यादा नहीं है, तो किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में आसन कर सकते है।
- शरीर के किसी भी अंग में दर्द होने पर आसन न करने की सलाह दी जाती है। या फिर आसन करते समय शरीर के किसी भी अंग में खिंचाव होता है तो।
- मांसपेशियों में दर्द या जांघों में दर्द होने पर भी इस आसन से बचना चाहिए।
- खूनी बवासीर होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- स्पॉन्डिलाइट में भी ये आसन नहीं करना चाहिए।
गोमुखासन में सीखने वाले ध्यान दे
जो इस आसन शुरुआत ही कर रहे है उनका बायां हाथ शुरू में दाहिने हाथ तक नहीं पहुंच सकता है। ऐसे स्थति में बहुत अधिक जोर न दे। ये अभ्यास के साथ आप दोनों हाथ आप एक दूसर से पकड़ सकेंगे।
इस लेख गोमुखासन( Gomukhasana in Hindi) कैसे करते है और इसके फायदे क्या क्या है ये बताये गए है। इसके साथ ही इसमें गोमुखासनको करते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए। और कुछ ध्यान देने योग्य बाते भी बताई गयी है। हमें आप कमेंट करके जरूर बताना की आपको ये लेख केसा लगा।
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