कैसे करे मयूरासन | Mayurasana Yoga Benefits in Hindi

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, मोर प्यार और अमरता का प्रतीक है। ये आसन मयूर की तरह किया जाता है ।आप इस आसन मे आपकी मुद्रा मोर के जैसे होती है इसलिए इसे मयूरासन(Mayurasana) कहा गया है।

मयूरासन(Mayurasana) महत्वपूर्ण है जिसे हठ योग साहित्य में शामिल किया गया है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत सारे शारीरिक लाभ(Benefits) प्रदान करता है। यह युवा की ऊर्जा और ताक़त को बढ़ाने में मददगार साबित होता है। हालाँकि, आसन अन्य आसनों की तुलना में थोड़ा जटिल है। ध्यान रहे कि आप इसे नियमित रूप करने से पहले सभी चरणों को ध्यान से देखे यहाँ हैं।

मयूरासन करने की विधि- Mayurasana Yoga steps in Hindi

सुबह के समय इस योग का अभ्यास करना सबसे अच्छा रहता है। लेकिन अगर आप सुबह नहीं कर सकते हैं, तो शाम को इसका अभ्यास करना ठीक है।इसलिए आसन का अभ्यास करे और इसकी विधि यहाँ पर देखे कैसे करे।

  • इस आसन को करने के लिए आप घुटनो के बल बैठ जाये। थोड़ा आगे की और झुककर अपनी कोहनियो की मिलाकर हथेलियों को जमीं पर टिका ले।
  • ध्यान रहे कलाइयों के बिच कम से कम डेढ़ इंच की दुरी रहे।अब सर को आगे की और झुकाकर कोहनियो को आप अपनी नाभि के पास टिकाये और आप अपने हाथ मजबूती से जमाये रखे।
  • अपने शरीर को कोहनियो पर संतुलित रखते हुए पैरो को पीछे की और सीधा फैला ले और अपने शरीर का पूरा वजन कोहनियो पर लेने का प्रयास करे।
  • स्वास भरते हुए आप आगे से सर और पीछे से अपने पैर जमीन से उठा ले और भूमि के समान्तर कर ले और इस स्थति में आप संतुलन बनाये रखे पूरा शरीर हवा में रहे सिर्फ आपकी हथलियों जमीन पर टिकी रहे।
  • कुछ देर ऐसी स्थति में रहे आप अपनी क्षमता के अनुसार समय तय करे।
  • वापस आते समय पहले पांव भूमि से लगाए , कोहनियो हटा दे और पीठ के बल लेटकर विश्राम करे।

second step
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ध्यान रखे:-

मयूरासन की प्रारम्भिक स्थति में पहले अपना सर जमीन पर रखते हुए पैरो को तानते हुए भूमि के समान्तर ऊपर उठाये जब आपको इसका अभ्यास हो जाये तो फिर आगे से शरीर को उठाये। अगर आपको दिकत होती है तो आप चाहे तो शुरू में कोहनियो में थोड़ा ज्यादा फैसला रख कर अभ्यास कर सकते है।

मयूरासन के लाभ:- Mayurasana Benefits in Hindi

  • हमारे शरीर का रक्त संचार बढ़ता है और हमारा रक्त शुद्धि होता है जिससे हमारा शरीर सुगठित और सुन्दर होता है।
  • मोटापा दूर होता है और जिगर व तिल्ली के रोग दूर हो जाता है।
  • इस आसन से पाचन तंत्र और गुर्दे की कार्य सकती बढ़ती है।
  • त्रिदोष मतलब वात, कफ और पित के विकार दूर होते है।
  • यह मधुमेह और बवासीर से लड़ने में भी मदद करता है।
  • यह आसन अग्न्याशय, पेट, यकृत, प्लीहा, गुर्दे और आंतों को सक्रिय करता है।

मयूरासन करते समय सावधानी:-

इस आसन को करने में आपको सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि हमारे शरीर का पूरा भार हमरे हाथो पर होता है। वैसे यह आसन जटिल है, थोड़ा अभ्यास करने से, यह काफी आसान हो जाता है। ध्यान रहे की इस आसन का अभ्यास करने से पहले आप अपना पेट खाली रखना करना चाहिए। इस आसन को करने से कम से कम चार से छह घंटे पहले अपना भोजन करें ताकि आपका भोजन पच जाए, और जिससे इस अभ्यास को करने के लिए आपके पास पर्याप्त ऊर्जा हो।

  • किसी प्रकार की बीमारी हो और शारीरिक दुर्बल वाले ना करे।
  • हाई बी पी वाले और हार्ट से सम्बंधित रोगी ये मयूरासन न करे।
  • जिनको हर्निया हो उसे ये आसन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओ को और मासिक धर्म में भी ये आसन नहीं करना चाहिए।
  • अगर ये आसन करने में थोड़ी तकलीफ हो तो थोड़ा आराम करके फिर दुबारा करे।
  • आंख, कान और नाक में संक्रमण होने पर इस आसान को नहीं करना चाहिए।
  • दिल के रोग में नहीं करना चाहिए।
  • यह कंधों, कोहनी, कलाई और रीढ़ को मजबूत बनता है।

मयूरासन के पीछे विज्ञान कारण-mayurasana information in hindi

आपने देखा होगा की जब यह आसन किया जाता है, तो आपको पता होगा कि आपको केवल हाथ की ताकत की आवश्यकता है। लेकिन इस आसन में महारत हासिल करने के पीछे का असली राज आपके पेट में है।

दुसरो आसनो की तुलना में इस आसन में हाथ मजबूत बनते है और इसके साथ ही संतुलन भी अच्छा होता है। लेकिन इसमें ताकत के साथ-साथ आपको धैर्य की भी आवश्यकता होती है क्योंकि ऐसा केवल आप अभ्यास से ही गुरुत्वाकर्षण के साथ उस संबंध को विकसित कर पाएंगे जो इस मुद्रा में महारत हासिल करने के लिए आवश्यक है। ऐसा करने के लिए, आपके पास एक अच्छी शुरुआत होनी चाहिए, जिसमें आपके अग्र-भुजाओं, हाथों और पेट का काम करना शामिल होगा।

आपको अपनी बाहों को अपने पैरों के बराबर लाना होगा और अपनी कोहनी को अपने पेट में धकेलना होगा। यह शुरुआत में असहज हो सकता है, लेकिन यही है कि आपको इस आसन को पूर्णता के साथ समाप्त करने की आवश्यकता है। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप देखेंगे कि आपके पेट की मांसपेशियां आपके पेट के नीचे मजबूत होंगी। यह ताकत आपको इस आसन में स्थिरता प्रदान करेगी।

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